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लोकसभा, विधानसभा में करारी हार के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दिया इस्तीफा

By स्वाति सिंह | Updated: May 23, 2019 19:45 IST

पहले चरण में यानी बीते 11 अप्रैल को आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा के लिए एक वोट एक साथ पड़े थे। एग्जिट पोल ने तो बता ही दिया था कि इस बार जगन की आंधी चलेगी अब नतीजे के दिन रुझान भी यही कह रहे हैं।

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ठळक मुद्देराज्य में लोकसभा की 25 सीटें है, जिममें 24 सीटों पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी बढ़त बनाए हुए हैं। विधानसभा चुनाव के रुझानों में 175 सीटों में से 150 पर जगन की पार्टी आगे है।

लोकसभा और विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को इस्तीफा दिया। लोकसभा चुनाव के लिए आखिरी चरण का मतदान होने बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ फील्डिंग सजाते हुए कई बड़े विपक्षी नेताओं से मिले लेकिन कोशिशें बेकार साबित हुईं। मोदी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की उनकी कोशिशें देखने लायक रहीं लेकिन सूबे में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के जगन मोहन रेड्डी की आंधी ने सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल दिए। 

बता दें कि पहले चरण में यानी बीते 11 अप्रैल को आंध्र प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा के लिए एक वोट एक साथ पड़े थे। एग्जिट पोल ने तो बता ही दिया था कि इस बार जगन की आंधी चलेगी अब नतीजे के दिन रुझान भी यही कह रहे हैं।

राज्य में लोकसभा की 25 सीटें है, जिममें 24 सीटों पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी बढ़त बनाए हुए हैं। विधानसभा चुनाव के रुझानों में 175 सीटों में से 150 पर जगन की पार्टी आगे है। वाईएसआरसीपी ने एलान भी कर दिया है कि 30 मई को जगन मोहन रेड्डी राज्य में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। 

जगन मोहन रेड्डी की जीत के पीछे कई कारण हैं। उनमें दो बड़े कारण ये हैं कि एक तो उन्होंने पूरे राज्य को पैरों से चलकर नापा और दूसरी वजह यह कि चंद्रबाबू की गालियां उनके लिए सहानुभूति का माहौल बनाने में वरदान साबित हुईं। 

6 नवंबर 2017 को जगन ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए करीब 3000 किलोमीटर लंबी 'प्रजा संकल्प यात्रा' के नाम से पद यात्रा शुरू की थी। इस दौरान वह आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों समेत हर जगह गए। लोगों से मिलकर उनके सरोकारों की बातें कीं। किसानों को राहत देने की बातें कीं। उन्होंने यह पदयात्रा अपने गृह जिले कडप्पा से शुरू की थी और इसे पूरा करने में 430 दिन लगे थे। इस दौरान जगन 13 जिलों की सभी 175 विधानसभा सीटों में गए थे। पदयात्रा 9 जनवरी 2019 को समाप्त हुई थी। 

बता दें कि 2014 के आम चुनाव में नायडू की तेलुगू देशम पार्टी और उसकी सहयोगी पार्टी को 47.7 फीसदी वोट शेयर हासिल हुआ था तो वाईएसआर कांग्रेस पार्टी अकेले दम पर 45.4 फीसदी वोट शेयर ले आई थी। नायडू की पार्टी महज 2.3 फीसदी के मार्जिन से जीती थी। 25 लोकसभा सीटों में से तेलुगू देशम पार्टी ने 15 सीटें जीती थीं। जगनन की पार्टी को 8 सीटें मिली थीं और बीजेपी 2 सीटें ही जीत पाई थी।  

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