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भूकंप से कांपी मिजोरम की जमीन, पीएम मोदी ने की मुख्यमंत्री जोरामथांगा से फोन पर बात, हर संभव मदद का दिया आश्वासन

By रामदीप मिश्रा | Updated: June 22, 2020 10:28 IST

भूकंप जब भी आता है तो इससे अपना बचाव आप आसानी कर सकते हैं। इसके लिए मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत से तुरंत बाहर निकलें और खुले में जाएं, किसी बिल्डिंग के आसपास खड़े न हों, लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें और घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें।

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ठळक मुद्देमिजोरम में सोमवार सुबह फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई है।

आइजोलः मिजोरम में सोमवार सुबह फिर से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई है। साथ ही साथ भूकंप का 27 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम के चंपई में था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी का कहना है कि भूकंप सुबह करीब चार बजकर 10 मिनट पर आया है। हालांकि अभी तक किसी भी जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। 

भूकंप आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा से फोन पर बात की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'भूकंप के संबंध में मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा जी से बात की। केंद्र से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है।'   इससे पहले बीते दिन रविवार को मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में मध्यम तीव्रता का भूकंप आया था। यहां क्षेत्रीय भूगर्भ विज्ञान केंद्र के एक अधिकारी ने बताया था कि अपराह्न करीब सवा चार बजे भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता 5.1 थी। उसका अधिकेंद्र पड़ोसी राज्य मिजोरम में एजल के समीप एक स्थान पर 35 किलोमीटर की गहराई पर था। 

मेघालय की राजधानी शिलांग में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वैसे इनमें से किसी भी राज्य से जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। मणिपुर के पुलिस महानिदेशक नियंत्रण कक्ष ने कहा था कि राज्य में जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। 

भूकंप आने पर कैसे करें बचाव 

भूकंप जब भी आता है तो इससे अपना बचाव आप आसानी कर सकते हैं। इसके लिए मकान, दफ्तर या किसी भी इमारत से तुरंत बाहर निकलें और खुले में जाएं, किसी बिल्डिंग के आसपास खड़े न हों, लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, घर के दरवाजे और खिड़की को खुला रखें और घर की सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। इसके अलावा अगर बिल्डिंग बहुत ऊंची हो और तुरंत उतर पाना मुमकिन न हो तो उसमें मौजूद किसी मेज, ऊंची चौकी या बेड के नीचे छिप जाएं। भूकंप के दौरान लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं, ऐसे में स्थिति और बुरी हो सकती है।

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