आम्रपाली मामला: घर खरीददारों का पैसा धोनी की पत्नी साक्षी के कंपनी को दिया गया, ऑडिटर्स ने SC में कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 24, 2019 14:26 IST2019-07-24T12:23:48+5:302019-07-24T14:26:18+5:30

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यू यू ललित की बेंच ने फॉरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट पढ़ने के बाद टिप्पणी देते हुए कहा कि ‘हमें ये महसूस हो रहा है कि घर खरीदने वाले लोगों का पैसा गैर कानूनी तरीके से रहिती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट को चला गया और अब वो पैसे वहां से वापस निकालना जरूरी है और जो बात हम कह रहे हैं वो हमारा विचार है जो बाकी के कानून पर लागू नहीं होता है।’

amrapali diverted homebuyers money to ms dhonis wifes sakshi company auditors tell supreme court | आम्रपाली मामला: घर खरीददारों का पैसा धोनी की पत्नी साक्षी के कंपनी को दिया गया, ऑडिटर्स ने SC में कहा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आम्रपाली समूह का पंजीकरण और पट्टे रद्द

Highlightsआम्रपाली की परियोजनाओं को एनबीसीसी पूरा करेगी ईडी ने आम्रपाली समूह, उसके प्रवर्तकों के खिलाफ दर्ज किया धन शोधन का मामला

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट से इतर भी सुर्खियों में हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली मामले में फैसला सुनाया है। शीर्ष कोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान धोनी और उनकी पत्नी साक्षी का नाम सामने आया है।

आउटलुक में छपी एक खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में आम्रपाली मामले में फोरेंसिक ऑडिटर्स पवन कुमार अग्रवाल और रविंद्र भाटिया ने कहा कि आम्रपाली ने रहिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक फर्जी करारनामा किया था। रहिति कंपनी में धोनी का बड़ा स्टेक है। वहीं आम्रपाली माही डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड में साक्षी धोनी निदेशक पद पर हैं। बता दें कि धोनी का बचपन का नाम माही है और टीम इंडिया में भी साथी खिलाड़ी उन्हें माही के नाम से बुलाते हैं। आम्रवाली विवाद को बढ़ता देख धोनी ने साल 2016 में आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसेडर के पद से इस्तीफा दे दिया था।

आउटलुक के अनुसार जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यू यू ललित की बेंच ने फॉरेंसिक ऑडिट की रिपोर्ट पढ़ने के बाद टिप्पणी देते हुए कहा कि ‘हमें ये महसूस हो रहा है कि घर खरीदने वाले लोगों का पैसा गैर कानूनी तरीके से रहिती स्पोर्ट्स मैनेजमेंट को चला गया और अब वो पैसे वहां से वापस निकालना जरूरी है और जो बात हम कह रहे हैं वो हमारा विचार है जो बाकी के कानून पर लागू नहीं होता है।’

शीर्ष अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड के अनुसार, साक्षी धोनी को नकद में शेयर पूंजी प्राप्त हुई और सभी खर्चों का भुगतान नकद में किया गया। ऑडिटरों ने कहा, हमें मौखिक रूप से सूचित किया जाता है कि इस कंपनी को रांची में एक परियोजना के विकास के लिए शामिल किया गया था। पार्टियों के बीच एक एमओयू भी दर्ज किया गया था, हालांकि हमें उसकी प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई थी। 

रिपोर्ट के अनुसार, आम्रपाली मीडिया विजन प्राइवेट लिमिटेड को फिल्में बनाने के लिए फंड दिया गया है। डायवर्ट करने के लिए बनाया गया था। पेशेवर शुल्क और विज्ञापन खर्च आदि के लिए रहिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को 24 करोड़ रुपये भुगतान किया गया।

रिपोर्ट के अनुसार रहिति ग्रुप को आम्रपाली की तरफ से 2009 से 2015 के बीच 42.22 करोड़ रुपये भुगतान किया गया। इसके अलावा आम्रपाली ग्रुप की अन्य कंपनी से रहिति को 6.52 करोड़ रुपये भुगतान किया है। ये क्लियर नहीं है कि रहिति को इतने पैसे क्यों दिए गए।

ऑडिटर्स (लेखा परीक्षक) ने ये पाया है कि ये राशि अम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल कुमार शर्मा की ओर से किये गये समझौते के तहत कंपनी के लिए या फिर कंपनी की ओर से रहिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को दी गई। जबकि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है जिसके तहत सीएमडी अनिल कुमार शर्मा आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज की ओर से कोई समझौता कर सकते हैं।

आम्रपाली और रहिति के बीच समझौते में कई अस्पष्ट बाते हैं। 20 मार्च, 2015 का ही एक और 'समझौता' है जो आम्रपाली को धोनी के नेतृत्व वाली आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ ब्रांडिंग के अधिकार देता है। दिलचस्प ये भी है कि ऑडिट रिपोर्ट में यह पाया गया है कि यह समझौता एक सादे कागज पर हुआ और केवल आम्रपाली और रहिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के बीच कार्यान्वित हुआ। इस समझौते पर चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से किसी पक्ष के हस्ताक्षर नहीं हैं।

ईडी ने आम्रपाली समूह, उसके प्रवर्तकों के खिलाफ दर्ज किया धन शोधन का मामला

प्रवर्तन निदेशालय ने कर्ज में फंसी रीयल एस्टेट कंपनी आम्रपाली समूह तथा उसके प्रवर्तकों के खिलाफ मनी लौंड्रिंग (धनशोधन) का आपराधिक मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। कंपनी कथित तौर पर नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 40 हजार से अधिक मकान खरीदारों को फ्लैट देने में असफल रही है।

ईडी के लखनऊ कार्यालय ने नोएडा पुलिस के समक्ष कंपनी के खिलाफ कम से कम 16 प्राथमिकी दर्ज होने का संज्ञान लेते हुए इस महीने की शुरुआत में धन शोधन रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने कहा कि ईडी कंपनी के प्रवर्तकों से पूछताछ करने तथा धन शोधन संबंधी कानून का उल्लंघन करने को लेकर जब्त किये जाने योग्य संपत्तियों की पहचान करने पर विचार कर रही है। 

आम्रपाली की परियोजनाओं को एनबीसीसी पूरा करेगी

सुप्रीम कोर्ट ने संकट में फंसी रीयल्टी कंपनी आम्रपाली समूह की परियोजनाओं को पूरा करने का जिम्मा एनबीसीसी को सौंपा। न्यायालय ने कंपनी से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि काम यथाशीघ्र पूरा हो। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) को काम सौंपा है क्योंकि आम्रपाली निर्धारित समय में परियोजना पूरा करने में विफल रही है। न्यायालय ने रीयल एस्टेट नियमन एवं विकास कानून (रेरा)2016 के तहत आम्रपाली समूह का पंजीकरण रद्द कर दिया है।

न्यायाधीश अरूण मिश्र और यूयू ललित की पीठ ने अपने 270 पृष्ठ के फैसले में कहा, ‘‘हमने विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने और उसे खरीदारों को सौंपने के लिये एनबीसीसी को नियुक्त किया है। एनबसीसी के लिये कमीशन 8 प्रतिशत तय किया गया है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘एनबीसीसी सरकारी उपक्रम है और उसे यह सुनिश्चित करना है कि डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) यथोचित रूप से तैयार हो और काम यथाशीघ्र पूरा हो।’’ 

आम्रपाली समूह का पंजीकरण और पट्टे रद्द

न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों द्वारा आम्रपाली समूह को दी गयी संपत्तियों के पट्टे भी रद्द कर दिये हैं। इसके अलावा, न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय को आम्रपाली समूह के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अनिल शर्मा और दूसरे निदेशक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कथित धन शोधन के मामले की जांच का निर्देश भी दिया है।

पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वेंकटरमणी को न्यायालय का रिसीवर नियुक्त किया है। समूह की तमाम संपत्तियों के पट्टे रद्द होने के बाद इनके सारे अधिकार वेंकटरमणी को मिल जायेंगे। शीर्ष अदालत ने कहा कि वेंकटरमणी को बकाया रकम की वसूली के लिये समूह की संपत्तियों को तीसरे पक्ष को बेचने के लिये समझौता करने का अधिकार होगा।
 

English summary :
Former India skipper Mahendra Singh Dhoni is in the news headlines other than cricket. On Tuesday, the Supreme Court has ruled in Amrapali case. During the hearing on the petition in the top court, the name of Dhoni and his wife Siddhi has been revealed.


Web Title: amrapali diverted homebuyers money to ms dhonis wifes sakshi company auditors tell supreme court

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