नई दिल्ली: राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज के बारे में बताते हुए अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर तंज कसते हुए कहा, "पैदल यात्रा निकाली, कश्मीर तक गए, अपने कार्यकर्ताओं के साथ बर्फ की होली खेली और कहा कि दूर से आतंकवादी दिखाई पड़ा था। अरे भाई, जिनकी नजर में आतंकवादी है, तो आपको सपने में भी आएगा और आपको कश्मीर में भी दिखाई पड़ेगा।"
शाह ने जम्मू कश्मीर एवं वहां के आतंकवाद, वाम नक्सलवाद एवं पूर्वोत्तर के उग्रवाद को ‘तीन नासूर’ की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि यदि इन तीनों समस्याओं को जोड़ दिया जाए तो चार दशकों में देश के कुल 92 हजार नागरिक मारे गये। उन्होंने कहा कि इन तीनों समस्याओं के लिए पहले ऐसे कभी सुनियोजित प्रयास नहीं किए गए जो नरेन्द्र मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद किए हैं। गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पहले पड़ोसी देश से आतंकवादी सीमा पार कर आते थे और यहां धमाके करते थे, हत्याएं करते थे। उन्होंने कहा कि एक भी त्योहार ऐसा नहीं जाता था कि उसे लेकर चिंता नहीं की जाती थी। उन्होंने कहा कि उस समय की केंद्र सरकार ने लचीला रवैया अपना रखा था। ‘‘वे चुप्पी साध जाते थे, बोलने में डर लगता था...वोट बैंक का भी डर था।’’
शाह ने कहा, ‘‘हमारे आने के बाद भी हमले हुए, उरी पर हुआ, पुलवामा पर हुआ। पहले भी हमले होते थे, कोई कुछ नहीं बोलता था, कुछ नहीं करता था, दिल्ली के अखबारों में एक छोटी-सी खबर छप जाती थी।’’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद उरी और पुलवामा हमलों के बाद दस दिन के भीतर पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक की गयी। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में दो ही देश ऐसे थे जो अपनी सीमा और सेना की सुरक्षा के लिए हमेशा समान के साथ तत्पर रहते थे...(ये देश हैं) अमेरिका और इजराइल। उन दो देशों की सूची में मेरे महान देश भारत का नाम जोड़ने का काम नरेन्द्र मोदी ने किया।’’