सीटें तय होने के बाद नीतीश और रामविलास पासवान ने अमित शाह को दिया भरोसा, बिहार में लोकसभा की सभी 40 सीटें जीतेंगे
By विकास कुमार | Updated: December 23, 2018 13:10 IST2018-12-23T13:00:15+5:302018-12-23T13:10:22+5:30
अमित शाह ने एनडीए की जीत का दावा किया है। शाह ने कहा कि 2014 में एनडीए लोकसभा में 31 सीटें जीतकर आई थी, और हम इस बार उससे भी ज्यादा जीतेंगे। इसपर नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष 2014 की बात कर रहे हैं, हम इससे एक कदम और आगे जायेंगे। नीतीश ने कहा कि एनडीए 2009 में प्राप्त हुई सीटों से भी ज्यादा सीट इस बार जीतेगी।

सीटें तय होने के बाद नीतीश और रामविलास पासवान ने अमित शाह को दिया भरोसा, बिहार में लोकसभा की सभी 40 सीटें जीतेंगे
पिछले कुछ दिनों से बिहार में एनडीए के सीट बंटवारे का फार्मूला अटकता हुआ नजर आ रहा था। लेकिन आज दिल्ली में अमित शाह के घर एनडीए के नेता रामविलास पासवान और नीतीश कुमार पहुंचे और सीटों को लेकर सहमती बन गई है।
सीट बंटवारे को लेकर मीडिया में चर्चित पैटर्न ही सामने आया है। अमित शाह ने बताया कि भाजपा और जदयू 17-17 और लोजपा 6 सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी। वहीं रामविलास पासवान को राज्यसभा भेजा जायेगा।
अमित शाह ने एनडीए की जीत का दावा किया है। शाह ने कहा कि 2014 में एनडीए लोकसभा में 31 सीटें जीतकर आई थी, और हम इस बार उससे भी ज्यादा जीतेंगे। इसपर नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष 2014 की बात कर रहे हैं, हम इससे एक कदम और आगे जायेंगे। नीतीश ने कहा कि एनडीए 2009 में प्राप्त हुई सीटों से भी ज्यादा सीट इस बार जीतेगी। बता दें कि 2009 में एनडीए को बिहार में 32 सीटें मिली थी।
रामविलास पासवान ने अमित शाह का आभार जताया है। ऐसा कहा जा रहा था कि देश की राजनीति में मौसम वैज्ञानिक के नाम से मशहूर पासवान एनडीए से नाता तोड़ सकते हैं।
कुछ लोगों ने इसे तीन राज्यों में भाजपा की हार के बाद राजनीतिक सौदेबाजी के रूप में देखा। रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर एनडीए से बिछड़ते दलों को लेकर भाजपा को आगाह किया था।
हिंदी हार्टलैंड के तीन राज्यों में हार के बाद अमित शाह के ऊपर बिहार में एनडीए को जोड़े रखने का जबरदस्त दबाव था। रामविलास पासवान दलित और पसमांदा मुसलमानों के सहारे बिहार की राजनीति का एक मजबूत स्तम्भ हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में लोजपा ने 7 में 6 सीटें जीत ली थी। इस बार उसी पैटर्न के तहत उन्हें सीटें दी गई है।
रामविलास पासवान के राज्यसभा जाने के कारण हाजीपुर का लोकसभा सीट इस बार खाली होगा। हो सकता है कि इस सीट से उनके भाई पशुपति कुमार पारस चुनाव लड़ेंगे।