ममता बनर्जी को बांग्ला में टक्कर देंगे अमित शाह, भाषा सीखने के लिए रख लिया है गुरु
By स्वाति सिंह | Updated: January 1, 2020 19:43 IST2020-01-01T19:43:08+5:302020-01-01T19:43:08+5:30
ममता के बांग्ला भाषा में लोगों से संवाद करने के मुकाबले में भाजपा के पास कोई तगड़ा नेतृत्व नहीं है। इसे देखते हुए शाह खुद बांग्ला सीख रहे हैं। भाजपा की कोशिश है कि पार्टी चीफ कम से कम बांग्ला भाषा को समझने लगें और पश्चिम बंगाल की सभाओं में अपने भाषणों की शुरुआत बांग्ला में करें, जिससे भाषण प्रभावी लगे।

शाह खुद बांग्ला सीख रहे हैं। भाजपा की कोशिश है कि पार्टी चीफ कम से कम बांग्ला भाषा को समझने लगें
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में अभी भी एक साल से ज्यादा का समय बचा है लेकिन बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह अभी से ही तैयारी शुरू कर दी है। चुनावी रणनीति को मजबूत बनाने में कोई चूक ना हो इसे लेकर अमित शाह बांग्ला भाषा सीख रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एक शिक्षक रख लिया है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक अमित शाह ने इसके लिए एक शिक्षक रख लिया है। उनकी यही कोशिश है कि केंद्रीय मंत्री बांग्ला भाषा को समझने लगें और पश्चिम बंगाल की सभाओं में अपने भाषणों की शुरुआत बांग्ला में ही करें, जिससे भाषण ज्यादा प्रभावी लगे।
वास्तव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘मां, माटी और मानुष’ का नारा बुलंद करती रहती हैं और हाल के दिनों में उन्होंने बंगाली अस्मिता को खूब हवा देने की कोशिश की है। ऐसे में ममता को चुनौती देने के लिए यह भाजपा अध्यक्ष का यह बड़ा प्रयास है। दरअसल भाजपा 'मिशन 250' के तहत पश्चिम बंगाल में प्रचार करने वाली है।
बता दें कि ममता के बांग्ला भाषा में लोगों से संवाद करने के मुकाबले में भाजपा के पास कोई तगड़ा नेतृत्व नहीं है। इसे देखते हुए शाह खुद बांग्ला सीख रहे हैं। भाजपा की कोशिश है कि पार्टी चीफ कम से कम बांग्ला भाषा को समझने लगें और पश्चिम बंगाल की सभाओं में अपने भाषणों की शुरुआत बांग्ला में करें, जिससे भाषण प्रभावी लगे।
गौरतलब है कि अमित शाह को चुनावी रणनीति का चाणक्य माना जाता है, हालांकि 2019 के विधानसभा चुनावों में पहले महाराष्ट्र और हरियाणा और झारखंड में हारने के बाद अब अमित शाह बंगाल में चुनावी कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं। इसके लिए कहीं भाषा रणनीति में आड़े न आए, इसके लिए शाह बांग्ला सीख रहे हैं।