नई दिल्ली: हिंसाग्रस्त मणिपुर के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में शांति बनाए रखने और फिर से सामान्य स्थिति बनाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के साथ बैठक की।
गृह मंत्री अमित शाह ने इंफाल में विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों के साथ भी मुलाकात की। इस मुलाकात की जानकारी देते हुए खुद अमित शाह ने बताया कि विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों के साथ सार्थक चर्चा हुई। शाह ने कहा कि नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों ने शांति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और आश्वासन दिया कि हम साथ मिलकर मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करने में योगदान देंगे।
अमित शाह ने मणिपुर में महिला नेताओं (मीरा पैबी) के एक समूह के साथ भी बैठक की। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि हम सब मिलकर राज्य में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पिछले कुछ समय लगातार हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर के हालात को लेकर मंगलवार, 30 मई को कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की। प्रतिनिधिमंडल की ओर से एक ज्ञापन भी राष्ट्रपति को सौंपा गया है। कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे ज्ञापन में कहा गया है कि हमारे लोगों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होनी चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि सत्तारूढ़ शासन मणिपुर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाएगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 22 साल पहले भी मणिपुर जल रहा था। तब प्रधानमंत्री अटल जी थे। आज फिर से मणिपुर जल रहा है, अब पीएम नरेंद्र मोदी हैं। इसका कारण BJP की विभाजनकारी व ध्रुवीकरण की राजनीति है। मणिपुर जल रहा था लेकिन पीएम और गृहमंत्री कर्नाटक चुनाव में व्यस्त थे।
बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय द्वारा की जा रही अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा में 75 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को कहा था कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से घरों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल लगभग 40 सशस्त्र उग्रवादियों को मार गिराया है।