शाह आज लेंगे J&K की सरकार में शामिल BJP के मंत्रियों की बैठक, हो सकता है बड़े राजनीतिक फैसले का ऐलान

By रामदीप मिश्रा | Published: June 19, 2018 05:25 AM2018-06-19T05:25:17+5:302018-06-19T05:43:18+5:30

जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा युद्ध विराम समाप्त करने का फैसला लिए जाने पर सत्ताधारी दल पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नाखुश है और वह इस पर खेद भी जता चुकी है।

Amit Shah called all the partys cabinet ministers of JammuAndKashmir for a meeting in Delhi today | शाह आज लेंगे J&K की सरकार में शामिल BJP के मंत्रियों की बैठक, हो सकता है बड़े राजनीतिक फैसले का ऐलान

शाह आज लेंगे J&K की सरकार में शामिल BJP के मंत्रियों की बैठक, हो सकता है बड़े राजनीतिक फैसले का ऐलान

नई दिल्ली, 19 जूनः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू कश्मीर सरकार में शामिल पार्टी के सभी मंत्रियों और कुछ शीर्ष नेताओं को अत्यावश्यक बैठक के लिए दिल्ली बुलाया है। यह बैठक आज आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रदेश बीजेपी प्रमुख रवींदर रैना और पार्टी महासचिव (संगठन) आशो कौल को भी शामिल होना है। हालांकि यह बैठक किस वजह से की जा रही है इसको लेकर अभी तक कोई जानकारी हासिल नहीं हो सकी है।


बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा युद्ध विराम समाप्त करने का फैसला लिए जाने पर सत्ताधारी दल पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नाखुश है और वह इस पर खेद भी जता चुकी है। पीडीपी प्रवक्ता रफी अहमद मीर ने कहा था कि केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा लिए गए फैसले से पार्टी खुश नहीं है, जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी इसी बात को लेकर सूबे में अपने सभी मंत्रियों से बातचीत कर सकती है और आगे की रणनीति तय कर सकती है। 

वहीं, कांग्रेस ने कश्मीर मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था और इसे उनकी सरकार की सबसे बड़ी "असफलताओं" में से एक बताया था। साथ ही पार्टी ने आश्चर्य जताया था कि उनकी विदेशी यात्राओं से भारत को क्या हासिल हुआ जब वह मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को लेकर संयुक्त राष्ट्र की ‘‘भयावह’’ रिपोर्ट को रोकने में नाकाम रहे।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने "सांप्रदायिक राजनीति" के प्रयोग के लिए कश्मीर को ‘‘घृणित प्रयोगशाला" में बदल दिया है। घाटी की स्थिति केंद्र सरकार की न केवल आंतरिक नीतियों बल्कि इसकी विदेश नीति की भी विफलता है। घाटी की मौजूदा स्थिति 1990 के दशक से भी बदतर हो गई। कानून व्यवस्था की समस्याओं के कारण चुनाव आयोग अनंतनाग में लोकसभा उपचुनाव कराने में असमर्थ है।

उन्होंने कहा था कि वर्तमान सरकार के तहत एक उपचुनाव में सिर्फ सात प्रतिशत मतदान हुआ जबकि संप्रग कार्यकाल के दौरान 71 प्रतिशत मतदान हुआ था। कश्मीर मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक के रूप में सूचीबद्ध होगा। 1990 के दशक में जो स्थिति थी, वहां की मौजूदा स्थिति शायद उससे भी बदतर हो रही है। 27 दिनों में वहां 57 बड़े हमले हुए हैं।

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Web Title: Amit Shah called all the partys cabinet ministers of JammuAndKashmir for a meeting in Delhi today

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