राजद-जदयू में खटास की अटकलों के बीच महागठबंधन के छोटे सहयोगी दलों ने की समन्वय समिति बनाने की मांग
By एस पी सिन्हा | Updated: October 7, 2022 18:34 IST2022-10-07T18:33:43+5:302022-10-07T18:34:03+5:30
राजद और जदयू में खटास की अटकलों के बीच अब इस महागठबंधन के छोटे सहयोगियों और खास तौर से वाम दलों को लगता है कि यह उचित समय है कि एक ‘समन्वय समिति’ बनाई जाए।

राजद-जदयू में खटास की अटकलों के बीच महागठबंधन के छोटे सहयोगी दलों ने की समन्वय समिति बनाने की मांग
पटना: बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन की राह आसान नजर नहीं आ रही है। महागठबंधन में शामिल कुल 7 दलों ने एक समन्वय समिति के जल्द गठन की मांग तेज कर दी है। जदयू और राजद के बीच नाराजगी की अटकलों को इस बात से बल मिला जब राजद के प्रदेश प्रमुख जगदानंद सिंह ने साफ कहा कि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अगले साल अपने बॉस नीतीश कुमार की जगह लेंगे।
इसके कुछ ही दिनों बाद जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा। सुधाकर लगातार अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। ऐसे में राजद और जदयू में खटास की अटकलों के बीच अब इस महागठबंधन के छोटे सहयोगियों और खास तौर से वाम दलों को लगता है कि यह उचित समय है कि एक ‘समन्वय समिति’ बनाई जाए, जिसकी अनुपस्थिति को राज्य में एनडीए सरकार के गिरने के लिए अक्सर जिम्मेदार ठहराया जाता है।
भाकपा (माले) के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि उन्होंने राजद नेता सुधाकर सिंह के मंत्री पद से इस्तीफे के तुरंत बाद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात की। हमें लगा कि सरकार ठीक चल रही है और सिंह के व्यवहार जैसे मामलों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में उनसे तत्काल एक समन्वय समिति के गठन और एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार करने का आग्रह किया।
आलम ने कहा कि हमारा उद्देश्य इस तरह की गलतफहमी को दूर करना था, जिसकी आवश्यकता केवल मजबूत हुई है। उन्होंने दावा किया कि तेजस्वी यादव ने धैर्यपूर्वक उनकी सारी बातें सुनीं और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि जल्द ही समिति का गठन किया जाएगा। आलम ने कहा कि उन्होंने मुझे उन प्रतिनिधियों के नाम के साथ आने के लिए कहा, जिन्हें मेरी पार्टी समन्वय समिति का हिस्सा बनना चाहेगी। मेरा मानना है कि वह अन्य गठबंधन सहयोगियों के साथ भी संपर्क में हैं और हम कुछ प्रगति देखेंगे।