Lok Sabha Election 2024: विपक्षी दलों की बैठक के बीच कांग्रेस ने कहा, "साझा कार्यक्रम, सीट बंटवारे में समय लगेगा, भाजपा विरोधी मोर्चे का नाम अभी तय नहीं"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 18, 2023 08:35 AM2023-07-18T08:35:57+5:302023-07-18T08:42:36+5:30
कांग्रेस ने बेंगलुरु में चल रही विपक्ष की दो दिवसीय बैठक के बारे पहले दिन की समाप्ति पर कहा कि बैठक के आखिरी दिन सीट-बंटवारे के लिए फार्मूला बनाने, भाजपा विरोधी मोर्चे का नाम तय होने और कॉमन एजेंडा पर वृहद चर्चा होने की उम्मीद है।
बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में सोमवार से चल रही विपक्षी दलों की बैठक को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस खासा उत्साहित है। कांग्रेस पार्टी की ओर से मंगलवार को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक के बारे में कहा कि दो दिवसीय बैठक के आखिरी दिन सीट-बंटवारे के लिए फार्मूला बनाने, भाजपा विरोधी मोर्चे का नाम तय होने और कॉमन एजेंडा पर वृहद चर्चा होने की उम्मीद है।
बैठक का पहला दिन खत्म होने के साथ शीर्ष विपक्षी नेताओं ने सोनिया गांधी की मेजबानी में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भाग लिया और भाजपा को मात देने के लिए विभिन्न पहलूओं पर चर्चा की। खबरों के मुताबिक भाजपा विरोधी के नाम तय होने के संबंध में तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम में भारी गतिरोध बना रहा। एक तरफ तृणमूल भाजपा विरोधी मोर्चे का नाम रखने के पक्ष में थी, वहीं सीपीएम इसका विरोध कर रही थी।
समाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार विपक्षी का रात्रिभोज बेहद उत्साहजनक वातावरण में संपन्न हुए लेकिन इस दौरान भोज में मौजूद नेताओं को एनसीपी प्रमुख शरद पवार की अनुपस्थिति खल रही थी। दरअसल बीते रविवार को एनसीपी की ओर से घोषणा की गई थी कि शरद पवार सोमवार से शुरू हो रही विपक्षी एकता की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।
हालांकि एनसीपी ने यह जरूर कहा कि शरद पवार मंगलवार को होने वाली बातचीत में जरूर शामिल होंगे। लेकिन पवार के भतीजे अजित पवार की उनकी साथ लगातार दूसरे दिन हुई बैठकों के कारण विपक्षी खेमे में अनिश्चितता का माहौल बना दिया है।
विपक्षी बैठक के दौरान यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और ममता बनर्जी के बीच कुछ नोट्स का आदान-प्रदान हुआ। सझा जा रहा है कि बंगाल में संपन्न हुए पंचायत चुनावों को लेकर कांग्रेस और तृणमूल के बीच चल रही रस्साकशी में अब कमी आ सकती है, जहां दोनों पार्टियां एक-दूसरे के खिलफ खड़ी थीं।
वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, जो केंद्र सरकार के अध्यादेश के अलावा पंजाब सहित अन्य राज्यों में कांग्रेस के मुखर विरोधी माने जा रहे हैं। वो भी कांग्रेस नेताओं के साथ बेहद गर्मजोशी से बातचीत करते हुए दिखाई दिये।
सीएम केजरीवाल 23 जून को पटना में हुई पिछली विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस पर जमकर बरसे थे क्योंकि उस समय कांग्रेस ने दिल्ली में आप सरकार की शक्तियां छीनने के लिए केंद्र द्वारा पारित अध्यादेश का विरोध करने के मुद्दे पर खामोशी अख्तियार कर ली थी।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को बैठक की समाप्ती के बाद मंगलवार की होने वाली बैठक का एजेंडा पढ़ा। जिसमें पार्टियों को मोटे तौर पर छह प्रस्तावों पर सुझाव देने की बात कही गई। जिनमें 2024 के आम चुनावों के लिए गठबंधन के लिए सामान्य एजेंडा का मसौदा तैयार करने के लिए अलग-अलग उपसमितियां स्थापित करना, रैलियों, सम्मेलनों और आंदोलनों सहित सभी पार्टियों के लिए एक संयुक्त कार्यक्रम तैयार करना, राज्य दर राज्य आधार पर सीट-बंटवारा तय करना, विपक्षी गठबंधन के लिए एक नाम का सुझाव, विपक्षी कार्यक्रमों के लिए सचिवालय स्थापित करना, ईवीएम पर चर्चा करना और चुनाव आयोग को सुधारों का सुझाव देना शामिल है।