लोकमत एक्सक्लूसिव: H1B वीजा पर अमेरिका ने बढ़ाया दबाव, तो भारत उठाएगा ये बड़ा कदम
By संतोष ठाकुर | Updated: June 21, 2019 09:18 IST2019-06-21T08:48:17+5:302019-06-21T09:18:45+5:30
दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पहले ही फेक न्यूज और अन्य नियमों के तहत इन कंपनियों को एतियाती सलाह जारी करता रहा है. विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव रवीश कुमार ने हालांकि अमेरिका की ओर से एच1बी वीजा को लेकर किसी भी तरह की कोई वार्ता होने से इनकार किया.

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अमेरिका की ओर से एच1बी वीजा की संख्या सीमित करने के दबाव के बीच भारत ने ऐसी किसी स्थिति से निपटने को लेकर अपने एतियाती कदमों पर विचार करना शुरू कर दिया है. दूरसंचार मंत्रालय का मत है कि अगर अमेरिका की ओर से ऐसा कोई कदम उठाया जाता है तो भारत में डाटा नियमों के तहत अमेरिकी तकनीकी कंपनी फेसबुक और व्हाटसएप्प पर कार्रवाई का विकल्प खंगाला जा सकता है.
दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय पहले ही फेक न्यूज और अन्य नियमों के तहत इन कंपनियों को एतियाती सलाह जारी करता रहा है. विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव रवीश कुमार ने हालांकि अमेरिका की ओर से एच1बी वीजा को लेकर किसी भी तरह की कोई वार्ता होने से इनकार किया.
उन्होंने कहा कि वह नहीं जानते हैं कि यह सूचना किस तरह से चर्चा में है. जहां तक दूरसंचार मंत्रालय का सवाल है तो इस पर संबंधित मंत्रालय से ही जवाब मिल सकता है. सूत्रों के मुताबिक अमेरिका ने डाटा को भारत में संग्रह करने और यहीं पर सर्वर लगाने के नियम को शिथिल करने की सलाह देने के साथ ही भारत से कहा है कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसके डाटा स्थानीयकरण से अमेरिकी कंपनी प्रभावित न हो.
ऐसा होने पर वह अमेरिका के लिए भारत को प्रदत्त एच1बी वीजा की संख्या को घटाकर मौजूदा स्तर से 15 प्रतिशत तक कर सकता है. एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियों 25-27 जून को भारत के दौरे पर रहेंगे.
इस दौरान वह यहां पर विदेश मंत्री एस.जयशंकर सहित कुछ अन्य मंत्रियों से मिलेंगे. उस दौरान इस मसले पर भी वार्ता होगी. उसके उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओसाका (जापान) में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात होनी है. वहां पर भी संभवत: यह मसला चर्चा में आएगा. यही वजह है कि डाटा लोकलाइजेशन या स्थानीयकरण पर वाणिज्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय विभिन्न अमेरिकी कंपनियों के साथ ही अमेरिकी प्रशासन से भी वार्ता कर रहा है.
एचएसबीसी-स्टैंडर्ड चार्टेड बैंक को रिजर्व बैंक का इनकार!
एचएसबीसी और स्टैंडर्ड चार्टेड बैंक ने हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से उन्हें डाटा लोकलाइजेशन-स्थानीयकरण को लेकर छूट देने की अपील की थी. लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इससे इनकार कर दिया है. यह कहा जा रहा है कि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले पर अपनी आतंरिक सुरक्षा को प्राथमिकता देगा.