पाकिस्तान ने अमेरिका से लगाई गुहार- कश्मीर पर बात के लिए भारत को राजी करो, जयशंकर ने यह कहा

By भाषा | Published: August 3, 2019 05:16 AM2019-08-03T05:16:33+5:302019-08-03T05:16:33+5:30

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को अमेरिका से आग्रह किया कि वह अपने ‘प्रभाव’ का इस्तेमाल कर भारत को कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए वार्ता करने को ‘राजी’ करें।

America should use its influence to persuade India to negotiate on Kashmir issue: Pakistan | पाकिस्तान ने अमेरिका से लगाई गुहार- कश्मीर पर बात के लिए भारत को राजी करो, जयशंकर ने यह कहा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की फाइल फोटो।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को अमेरिका से आग्रह किया कि वह अपने ‘प्रभाव’ का इस्तेमाल कर भारत को कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए वार्ता करने को ‘राजी’ करें। कुरैशी का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला है लेकिन अगर दोनों देश चाहें कि वो मध्यस्थता करें तो वह इसके लिए तैयार हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत बातचीत से परहेज कर रहा है और ऐसा प्रतीत होता है कि वह इस मुद्दे पर वार्ता की इच्छा नहीं रखता है। उन्होंने ‘जियो न्यूज’ से कहा, ‘‘ भारत जोर देता है कि यह एक द्विपक्षीय मामला है लेकिन वह वार्ता के लिए भी तैयार नहीं है।’’

मंत्री ने कहा, ‘‘ भारत कश्मीर पर बातचीत करने के लिए आसानी से तैयार नहीं होगा। (हम आग्रह करते हैं) अमेरिका अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर भारत को राजी करे (बातचीत के लिए)।

कुरैशी ने कहा कि वह इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस को भी पत्र लिखेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश खारिज करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय ही होगी। 

कश्मीर पर कोई भी वार्ता केवल पाकिस्तान के साथ और द्विपक्षीय ही होगी: जयशंकर

कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पेशकश के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ को शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय ही होगी।

जयशंकर इस समय थाईलैंड की राजधानी में हैं। वह आसियान-भारत मंत्रिस्तीय बैठक, नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्रियों की बैठक, 26वें आसियान क्षेत्रीय मंच और 10वें मेकोंग गंगा सहयोग मंत्रिस्तरीय बैठक समेत कई सम्मेलनों में भाग लेने यहां आए हैं।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘पोम्पिओ (अमेरिकी विदेश मंत्री) से क्षेत्रीय मामलों पर विस्तृत वार्ता हुई।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘अमेरिकी समकक्ष पोम्पिओ को आज सुबह स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया गया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय ही होगी।’’

जयशंकर ने बैंकॉक में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर पोम्पिओ से मुलाकात की। भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता संबंधी ट्रम्प के विवादास्पद बयान के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली आधिकारिक बैठक है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टेगस के अनुसार, दोनों नेताओं ने "भारत-प्रशांत क्षेत्र में कानून के शासन, नेविगेशन की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता" पर चर्चा की।

मोर्गन ने अपने बयान में कश्मीर मामले का कोई जिक्र नहीं किया है। ट्रम्प ने जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से व्हाइट हाउस में पहली बार पिछले महीने मुलाकात की थी तब उन्होंने कश्मीर मामले पर भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘मध्यस्थता’’ की पेशकश की थी। भारत सरकार ने ट्रम्प के हैरान कर देने वाले इस दावे को खारिज कर दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे इस मामले पर मध्यस्थता करने कहा था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खान ने कहा था कि वह तैयार हैं और कश्मीर मामले पर अमेरिका के इस कदम का स्वागत करते हैं।

Web Title: America should use its influence to persuade India to negotiate on Kashmir issue: Pakistan

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