Ambedkar Jayanti 2020: जानिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़ी 10 रोचक बातें
By मनाली रस्तोगी | Published: April 10, 2020 03:33 PM2020-04-10T15:33:18+5:302020-04-10T15:33:18+5:30
डॉक्टर भीमराव आंबेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar) एक महान शख्स हैं, जिनकी कायल पूरी दुनिया है। उन्होंने भारत के लिए जो काम किए हैं, वो बेहद सराहनीय हैं। यहां जानिए बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर (Babasaheb Bhimrao Ambedkar) से जुड़ी 10 रोचक बातें।
नई दिल्ली: मध्य भारत प्रांत (अब मध्य प्रदेश) में स्थित महू नगर में 14 अप्रैल 1891 को रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई के घर पैदा हुए डॉक्टर भीमराव अंबेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar) को आज लोग एक विश्वस्तरीय विधिवेत्ता और भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार के रूप में जानते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने भारतीय समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण काम किए हैं। इस साल उनकी जयंती के मौके पर जानिए उनसे जुड़ी 10 रोचक बातें।
1. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर (Babasaheb Bhimrao Ambedkar) का जन्म एक दलित परिवार में हुआ था। वह महार जाति से ताल्लुक रखते थे, जिसे उस समय अछूत माना जाता था। बेहद कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि उनके पूर्वज ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम किया करते थे।
2. अपने माता-पिता की बाबा साहेब चौदहवीं और आखिरी संतान थे।
3. डॉ भीमराव आंबेडकर ने आर्थिक और सामाजिक भेदभाव की वजह से विषम परिस्थितियों में अपनी पढ़ाई शुरू की थी। तब किसी को इसका अंदाजा नहीं था कि एक दिन यही व्यक्ति देश की स्थिति बदलने में अहम योगदान देने वाला है। हालांकि, सामाजिक भेदभाव के चलते स्कूल के शुरुआती सालों में उन्हें अन्य अस्पृश्य बच्चों के साथ अलग बैठाया जाता था।
4. बहुत कम लोगों को पता है कि उनके स्कूल टीचर ने बाबासाहेब के असल उपनाम 'अंबावाडेकर' को बदल कर 'अंबेडकर' रखा था। इस तरह से उनका उपनाम अंबेडकर हो गया।
5. अंबेडकर की शादी देश में प्रचलित बाल विवाह की वजह से महज 15 साल की उम्र में 9 साल की लड़की रमाबाई से हो गई थी। उनकी पहली शादी साल 1906 थी। सबको नहीं मालूम है कि उनकी दो शादियां हुई थी। पहली पत्नी रमाबाई की लंबी बीमारी के बाद 1935 में निधन हो गया था, जिसके बाद उन्होंने 15 अप्रैल 1948 को नई दिल्ली में अपने घर पर डॉक्टर शारदा कबीर से विवाह किया था। शादी के बाद उन्होंने अपना नाम बदल कर सविता अंबेडकर रख लिया था।
6. विदेश जाकर अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाले डॉ भीमराव अंबेडकर पहले भारतीय थे। उन्हें पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था, जिसके चलते उन्होंने काफी पढ़ाई-लिखाई की। लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स में 8 वर्ष में समाप्त होने वाली पढ़ाई को उन्होंने महज 2 साल और 3 महीनों में ही पूरा कर लिया था।
7. अपने कई समर्थको के साथ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने पंचशील को अपनाते हुए बौद्ध धर्म ग्रहण किया था। दुनिया में उनका इस तरह से अपने समर्थकों के साथ दीक्षा लेना ऐतिहासिक था, क्योंकि यह विश्व का सबसे बड़ा धर्मांतरण था। ऐसे में बौद्ध धर्म की दीक्षा देने वाले महान बौद्ध भिक्षु महंत वीर चंद्रमणी ने बाबासाहेब को इस युग का आधुनिक बुद्ध भी बताया था।
8. बाबासाहेब को भारतीय तिरंगे में अशोक चक्र को जगह देने का श्रेय जाता है।
9. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर 9 से अधिक भाषाओं का ज्ञान रखते थे। यही नहीं, वह कुल 64 विषयों में मास्टर भी थे।
10. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को साल 1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।