Amarnath Yatra 2023: ‘छड़ी मुबारक’ की स्थापना के साथ अमरनाथ यात्रा संपन्न, 62 दिन में 4.50 लाख शामिल हुए और 40 की मौत
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 31, 2023 02:01 PM2023-08-31T14:01:57+5:302023-08-31T14:02:50+5:30
Amarnath Yatra 2023: महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में छड़ी मुबारक पवित्र गुफा पहुंची। सुबह सूर्य उदय के साथ श्रावण पूर्णिमा के मुहूर्त में पवित्र गुफा में दर्शन किए गए।
Amarnath Yatra 2023: 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में अमरनाथ यात्रा की प्रतीक ‘छड़ी मुबारक’ की स्थापना के साथ ही इस साल की अमरनाथ यात्रा का समापन हो गया। हालांकि सैद्धांतिक तौर पर इसका समापन कई दिन पहले उसी दिन हो गया था जब श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं की शिरकत पर पाबंदी लगा दी थी।
अधिकारियों ने बताया कि आज सुबह महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में छड़ी मुबारक पवित्र गुफा पहुंची। सुबह सूर्य उदय के साथ श्रावण पूर्णिमा के मुहूर्त में पवित्र गुफा में दर्शन किए गए। इसके बाद पूजा अर्चना की गई। वार्षिक अमरनाथ यात्रा आज श्रावण पूर्णिमा के दिन 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा के मुख्य दर्शनों के साथ ही संपन्न हो गई।
#WATCH | Morning 'Aarti' performed at Shri Amarnath Cave Shrine in Jammu & Kashmir, earlier today.
— ANI (@ANI) August 31, 2023
The 62-day-long Amarnath Yatra, which began on July 1 will culminate today, August 31, 2023. pic.twitter.com/g39JIA0f9j
आज करीब डेढ़ सौ श्रद्धालुओं, जिनमें अधिकतर सुरक्षाकर्मी ही थे, ने गुफा के दर्शन किए जबकि 29 जून को आरंभ हुई अमरनाथ यात्रा के 62 दिनों के भीतर 4.50 लाख श्रद्धालुओं ने हिमलिंग के दर्शन किए हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा में 40 श्रद्धालुओं की मौत भी हो गई। पिछले साल यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 3.10 लाख थी और वर्ष 2012 में यह 6.21 लाख थी।
इस यात्रा की प्रतीक पावन पवित्र ‘छड़ी मुबारक’ को आज पवित्र गुफा में भी स्थापित किया गया जिसे लेकर साधुओं का एक दल श्रीनगर के दशनामी अखाड़े से चला था और इस दल का नेतृत्व दशनामी अखाड़े के महंत दीपेंद्र गिरि ने किया था। पूजा प्रतिष्ठा के बाद इस ‘छड़ी मुबारक’ को पुनः उसी अखाड़े में स्थापित कर दिया जाएगा।
ज्यादातर तीर्थयात्रियों ने 45 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम मार्ग के बजाय 16 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से यात्रा की। महंत दीपेन्द्र गिरि के नेतृत्व में आज सुबह पंजतरनी से शुरू हुई छड़ी मुबारक की यात्रा में बड़ी संख्या में सिर्फ साधुओं ने हिस्सा लिया। बम बम भोले और हर हर महादेव जैसे नारों की गूंज के साथ छड़ी मुबारक को पवित्र गुफा में लाया गया।
छड़ी मुबारक के यहां पहुंचने के बाद शुरू हुई पूजा दिनभर चली व शाम को छडी मुबारक को रात्रि विश्राम के लिए पंजतरनी ले जाया गया। कल रात तक छडी मुबारक पहलगाम पहुंचेगी। पहलगाम के ही लिद्दर नदी पर पूजा और विसर्जन के बाद साधु-संतों के लिए पारंपरिक कढ़ी-पकौड़ा भंडारा का आयोजन किया जाएगा। यात्रा में इस बार कुल 40 श्रद्धालुओं की मौत हुई है।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अधिकारियों ने यात्रा को नियंत्रित रखने में पूरी सावधानी बरती। इस यात्रा में किसी गैरपंजीकृत यात्री को शामिल होने नहीं दिया गया। पंजीकृत यात्रियों को सिर्फ उनके तय अवधि के दिन यात्रा करने की इजाजत दी गई। बालटाल और नुनवान आधार शिविर से पवित्र गुफा की तरफ जाने वाले यात्रियों को भी नियंत्रित किया गया।
बालटाल और नुनवान से प्रत्येक दिन 7500 श्रद्धालुओं को जाने की इजाजत दी गई। अब जबकि यात्रा संपन्न हो गई है तो सरकार ने राहत की सांस ली है। सुरक्षाबलों ने अपनी मेहनत, सतर्कता और चौकसी के कारण उन सभी कोशिशों को नाकाम बना दिया जो यात्रा के लिए घातक साबित हो सकती थीं।
पिछले कुछ वर्षों से यह देखने को मिल रहा था कि आतंकी हमले अमरनाथ श्रद्धालुओं में नए उत्साह का संचार करते रहे और प्रत्येक आतंकी घटना के उपरांत यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या और बढ़ जाती थी जिस कारण प्रशासन के लिए परेशानियां पैदा होती थीं।