अमरनाथ बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन सेवा आरंभ की

By भाषा | Published: July 6, 2021 06:39 PM2021-07-06T18:39:29+5:302021-07-06T18:39:29+5:30

amarnath board started online service for devotees | अमरनाथ बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन सेवा आरंभ की

अमरनाथ बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन सेवा आरंभ की

श्रीनगर, छह जुलाई जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की विभिन्न ऑनलाइन सेवाएं मंगलवार को आरंभ कीं, ताकि श्रद्धालु डिजिटल माध्यम से पवित्र गुफा के दर्शन कर सकें।

बोर्ड के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘श्राइन बोर्ड ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण इस वर्ष श्री अमरनाथ जी की पवित्र गुफा के दर्शन करने में असमर्थ रहे लाखों श्रद्धालुओं के लिए डिजिटल माध्यम से दर्शन, हवन और प्रसाद की सुविधा शुरू की है। श्रद्धालु अपनी पूजा, हवन और प्रसाद ऑनलाइन बुक कर सकते हैं और पवित्र गुफा में पुजारी इसे उनके नाम पर चढ़ाएंगे। प्रसाद बाद में भक्तों के घर पहुंचाया जाएगा।’’

उपराज्यपाल ने कहा कि श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की इन ऑनलाइन सेवाओं की शुरुआत के कारण अब दुनिया भर में भगवान शिव के भक्त पवित्र गुफा में होने वाली 'पूजा' और 'हवन' में डिजिटल माध्यम से शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत भक्तों को ऑनलाइन 'प्रसाद' बुकिंग सेवा भी मुहैया कराई जा रही है।

श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीतीश्वर कुमार ने कहा, ‘‘श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं के लिए पूजा, उनके नाम से डिजिटल हवन (दर्शन के साथ) और ऑनलाइन प्रसाद बुकिंग सहित ऑनलाइन सेवाएं मुहैया करा रहा है।’’

सीईओ ने कहा कि बोर्ड की वेबसाइट पर 'बुक ऑनलाइन पूजा/हवन/प्रसाद' पेज पर जाकर और बोर्ड के मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से ऑनलाइन सेवा बुक कराई जा सकती है। डिजिटल पूजा के लिए 1,100 रुपये, प्रसाद बुक कराने के लिए 1,100 रुपये (अमरनाथजी के पांच ग्राम चांदी के सिक्के के साथ), प्रसाद बुक कराने के लिए 2,100 रुपये (अमरनाथजी के 10 ग्राम चांदी के सिक्के के साथ), विशेष हवन या उपरोक्त में से किसी सेवा के संयोजन के लिए 5,100 रुपये का भुगतान करना होगा।

उन्होंने बताया कि पवित्र गुफा में पुजारी मंत्रों और श्लोकों के जाप के साथ भक्त के नाम और गोत्र का उच्चारण करके डिजिटल पूजा या हवन करेंगे। उन्होंने बताया कि भक्तों को ‘जियो मीट’ एप्लिकेशन के माध्यम से पूजा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। इसके जरिए वे अपने नाम पर एक विशेष डिजिटल पूजा में शामिल हो सकेंगे और 'लिंगम' के दर्शन कर सकेंगे।

कुमार ने कहा, ‘‘हम 48 घंटे के भीतर प्रसाद भेजने के लिए डाक विभाग के साथ मिलकर व्यवस्था कर रहे हैं।

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