अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पूछा: क्या मुझे निमंत्रण है? मैं भारत आ सकता हूं, पीएम मोदी ने कहा सपरिवार आइये
By भाषा | Updated: September 23, 2019 06:11 IST2019-09-23T06:11:30+5:302019-09-23T06:11:30+5:30
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति को सपरिवार भारत आने का न्यौता दिया। इससे पहले इस कार्यक्रम में मोदी ने ट्रंप की जमकर प्रशंसा की और उन्हें व्हाइट हाउस में ‘‘भारत का मित्र’’ करार दिया।

फोटो क्रेडिट: ANI
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुम्बई में होने वाली एनबीए बास्केट बॉल प्रतियोगिता को देखने के लिए भारत आने की इच्छा व्यक्त की। साथ ही ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछा कि क्या उन्हें निमंत्रण है? ट्रंप ने यहां एनआरजी स्टेडियम में करीब 50 हजार भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष अपनी यह मंशा जाहिर की।
उन्होंने कहा, ‘‘ आने वाले सप्ताह मुम्बई में एनबीए बास्केटबाल प्रतियोगिता होने वाली है। यह भारत में ऐसा पहला एनबीए बास्केटबाल गेम होगा।’’ उन्होंने मोदी से पूछा, ‘‘ क्या मैं इसमें निमंत्रित हूं ।’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘ मैं आ सकता हूं। सतर्क रहें (ध्यान दें), मैं आ सकता हूं।’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके बाद अपने संबोधन में अमेरिकी राष्ट्रपति को सपरिवार भारत आने का न्यौता दिया। इससे पहले इस कार्यक्रम में मोदी ने ट्रंप की जमकर प्रशंसा की और उन्हें व्हाइट हाउस में ‘‘भारत का मित्र’’ करार दिया।
पाकिस्तान के खिलाफ कड़े तेवर दिखाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में आतंकवाद के खिलाफ ‘‘निर्णायक लड़ाई’’ का आह्वान किया और कहा कि इस लड़ाई में अमेरिका भी साथ में हैं।
मोदी ने ह्यूस्टन में भारतीय मूल के लोगों से खचाखच भरे एनआरजी स्टेडियम में पाकिस्तान का नाम लिये बिना उसे अमेरिका में 9/11 से लेकर मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के लिये जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने पाकिस्तान के शासकों की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘‘ जिनसे खुद अपना देश नहीं संभलता, इन लोगों ने भारत के प्रति अपनी नफरत को अपनी राजनीति का केंद्र बना दिया है।’’
इससे पहले ट्रंप ने भी इस्लामी आतंकवाद का उल्लेख करते हुए सीमाओं की सुरक्षा को अमेरिका और भारत, दोनों के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हम निर्दोष नागरिकों की कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद के खतरे से रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’