पुलिस अधिकारी का चोरी का आरोप लगाना वर्दी का अहंकार दिखाता है: केरल उच्च न्यायालय

By भाषा | Updated: November 29, 2021 18:40 IST2021-11-29T18:40:55+5:302021-11-29T18:40:55+5:30

Alleging police officer theft shows arrogance of uniform: Kerala High Court | पुलिस अधिकारी का चोरी का आरोप लगाना वर्दी का अहंकार दिखाता है: केरल उच्च न्यायालय

पुलिस अधिकारी का चोरी का आरोप लगाना वर्दी का अहंकार दिखाता है: केरल उच्च न्यायालय

कोच्चि, 29 नवंबर अगस्त में एक पिता और बेटी के प्रति सख्ती दिखाने और उन पर फोन चोरी करने का आरोप लगाने वाली एक महिला पुलिस अधिकारी के वीडियो से परेशान और आहत केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि उसका आचरण ‘‘खाकी के अहंकार और अभिमान’’ का संकेत देता है।

न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने घटना के लगभग पांच मिनट के लंबे वीडियो को देखने के बाद कहा कि लड़की को शुरू से ही रोते हुए देखा जा सकता है, लेकिन अधिकारी बिल्कुल द्रवित नहीं हुई और इसके बजाय वह पिता और बेटी को रोक रही थी। अदालत ने कहा कि एक महिला और एक मां होने के नाते अधिकारी को आंसुओं से पसीजना चाहिए था और बच्ची को दिलासा देनी चाहिए थी।

न्यायमूर्ति रामचंद्रन ने कहा, ‘‘वीडियो परेशान करने वाला हे। इसने मुझे हिला दिया है। बच्ची लगातार रो रही थी। वह डर गई थी। किसी के पिता पर और वह भी पुलिस द्वारा आरोप लगाया जाए तो कोई भी बच्चा ऐसा ही करेगा। वे समाज के कमजोर वर्ग से हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (अधिकारी को) झुककर बच्ची से माफी मांगनी चाहिए थी और उसके लिए एक चॉकलेट खरीदनी चाहिए थी और चीजें वहीं खत्म हो जातीं। इसके बजाय उन्होंने अपने कार्यों को सही ठहराया। यह ज्ञान की कमी नहीं है, यह शुद्ध अहंकार और अभिमान है। खाकी वर्दी का अहंकार और अभिमान।’’

अदालत ने सवाल किया, ‘‘यह कैसी पिंक पुलिस है कि जब बच्ची रोने लगी तो कोई उसके पास नहीं गया? हमें ऐसी पिंक पुलिस की आवश्यकता क्यों है?’’

अदालत ने राज्य के पुलिस प्रमुख से इस मुद्दे पर ‘‘अपना ध्यान’’ देने और रिपोर्ट दर्ज करने को कहा, क्योंकि अब तक पिता और बेटी के बयान नहीं लिए गए हैं।

न्यायाधीश ने यह भी निर्देश दिया कि पुलिस अधिकारी के स्थानांतरण आदेश और निर्णय लेने के लिए जिन सामग्रियों पर भरोसा किया गया है, उन्हें सुनवाई की अगली तारीख सात दिसंबर तक अदालत के समक्ष रखा जाए।

अदालत आठ साल की बच्ची द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सरकार को उसके मौलिक अधिकार के उल्लंघन के लिए अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया। याचिकाकर्ता ने अपमानजनक घटना के लिए सरकार से मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये की भी मांग की है।

यह घटना 27 अगस्त को हुई जब अत्तिंगल निवासी जयचंद्रन अपनी आठ साल की बेटी के साथ मूनुमुक्कू पहुंचे, जो थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के लिए एक बड़े कार्गो की आवाजाही देखना चाहती थी। पिंक पुलिस से जुड़ी एक महिला पुलिस अधिकारी रजिता को यातायात नियमन में सहायता के लिए तैनात किया गया था और उसने दोनों पर पुलिस वाहन में रखे मोबाइल फोन को चोरी करने का आरोप लगाया।

वायरल हुए एक वीडियो में अधिकारी और उनके सहयोगी को पिता और बेटी को परेशान करते और यहां तक कि उसकी तलाशी लेते हुए भी देखा गया। इस घटना के दौरान बच्ची रोने लगी।

हालांकि, जब किसी राहगीर ने अधिकारी का नंबर डायल किया, तो पुलिस वाहन में मोबाइल फोन मिला, जिसके बाद पुलिस टीम पिता और बेटी से माफी मांगे बिना ही वहां से चली गई। बाद में महिला पुलिस अधिकारी का तबादला कर दिया गया।

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Web Title: Alleging police officer theft shows arrogance of uniform: Kerala High Court

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