शांति भंग करने का आरोपः फिरोजाबाद में मृतकों और वयोवृद्ध लोगों को नोटिस, पुलिस कर रही है जांच
By भाषा | Updated: January 3, 2020 19:26 IST2020-01-03T19:26:49+5:302020-01-03T19:26:49+5:30
पुलिस का कहना है कि प्रकरण की जांच की जा रही है और रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। यादव कहना है कि थाना दक्षिण क्षेत्र मोहल्ला कोटला निवासी बन्ने खां की मृत्यु छह वर्ष पूर्व हो चुकी है जबकि फसाहत मीर खां और सूफी अंसार हुसैन वयोवृद्ध हैं जिनकी उम्र 90 वर्ष से अधिक है जो अस्वस्थता के कारण चलने फिरने से भी मजबूर हैं।

रिपोर्ट आने के बाद दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
फिरोजाबाद में बीस दिसंबर को हुए उपद्रव में पुलिस द्वारा मृतक व्यक्तियों और वयोवृद्ध लोगों को शांति भंग करने के मामले में नामित किये जाने का आरोप कांग्रेस नेता धर्मसिंह यादव ने लगाया है।
पुलिस का कहना है कि प्रकरण की जांच की जा रही है और रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। यादव कहना है कि थाना दक्षिण क्षेत्र मोहल्ला कोटला निवासी बन्ने खां की मृत्यु छह वर्ष पूर्व हो चुकी है जबकि फसाहत मीर खां और सूफी अंसार हुसैन वयोवृद्ध हैं जिनकी उम्र 90 वर्ष से अधिक है जो अस्वस्थता के कारण चलने फिरने से भी मजबूर हैं।
यादव ने कहा कि ऐसे लोगों को भी पुलिस द्वारा शांति भंग करने के मामले धारा 107, 116 सीआरपीसी में नोटिस जारी करते हुए दस -दस लाख रुपये की जमानत व मुचलका दाखिल करने को कहा गया है। पुलिस अधीक्षक (नगर) प्रबल प्रताप सिंह ने शुक्रवार को बताया कि मृतक व्यक्ति को कैसे नामित किया गया है ? इसकी जांच सीओ सिटी को सौंपी गई है।
रिपोर्ट आने के बाद दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। रिपॉर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है। वयोवृद्ध समाजसेवी फसाहत मीर खां के पुत्र मोहम्मद ताहिर खां का कहना है कि उनके यहां पुलिसकर्मी आये जिन्हें बताया गया कि वह 90 वर्ष से अधिक के हैं और बीमार हैं।
इसकी सूचना एक पुलिसकर्मी ने फोन से अपने वरिष्ठ को बताई लेकिन तीन दिन बाद उनके यहां नोटिस चस्पा कर दिया गया। ताहिर खां ने पुलिस कार्रवाई पर अफसोस ज़ाहिर किया । सूफी अंसार हुसैन का कहना है कि वह 90 वर्ष के हैं और समाजसेवा में रहे हैं।
सभी अधिकारी उन्हें जानते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे 107, 116 सीआरपीसी में क्यों पाबंद किया गया है समझ में नहीं आता है।’’ इस संबंध में जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह से मिलने व फोन पर वार्ता करने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका। नगर मजिस्ट्रेट कुंवर पंकज ने भाषा को गुरूवार बताया था कि सीओ सिटी के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित की गई है जो जांच करेगी। उन्होंने कहा कि यह कोई खास कार्रवाई नहीं है। इसमें पाबंद किया जाता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मैं मजिस्ट्रेट हूँ, मेरे यहाँ पुलिस की रिपोर्ट आई है अगर ऐसा है तो उसके बारे में पुलिस बताएगी।’’ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सचिंद्र पटेल ने मामले की जांच सीओ सिटी को सौंप दी। इस मामले में बातचीत पर सचिंद्र पटेल ने गुरुवार को बताया था कि थाना दक्षिण की लाल बंद चौकी से 70 वर्षीय बन्ने खां को नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय से शांति भंग की आशंका में निरुद्ध किया गया था।
इस मामले में बातचीत पर नगर मजिस्ट्रेट ने बताया के पुलिस रिपोर्ट के आधार पर व्यक्ति को पाबंद किया गया था। सूची में उसे मृत नहीं दर्शाया गया था जिसकी जानकारी बाद में हुई है। मामले की जांच कराई जा रही है। मामला तब सामने आया जब बन्ने खां के पुत्र सरफराज ने पाबंद होने के बाद नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय में व पुलिस को अपने पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र दिखाया।