इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- सभी जिलाधिकारी कोरोना के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कराएं
By भाषा | Published: August 20, 2020 05:45 AM2020-08-20T05:45:57+5:302020-08-20T05:45:57+5:30
पृथक-वास केंद्रों में बेहतर सुविधाओं की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्त वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 25 अगस्त निर्धारित की।
प्रयागराजः इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को सरकार के छह अगस्त और 17 अगस्त के परिपत्र के मुताबिक शारीरिक दूरी और मास्क पहनने के नियमों का सख्ती से पालन कराने का बुधवार को निर्देश दिया। अदालत ने दो अधिवक्ता आयुक्तों की भी नियुक्ति की और उन्हें इस शहर में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए किए गए उपायों के संबंध में संयुक्त रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
पृथक-वास केंद्रों में बेहतर सुविधाओं की मांग वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्त वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 25 अगस्त निर्धारित की। बाद में अदालत ने राज्य में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए कई निर्देश जारी किए।
सुनवाई के दौरान प्रयागराज के जिलाधिकारी और एसएसपी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मौजूद रहे। दोनों अधिकारियों ने अदालत को बताया कि प्रयागराज उन सात जिलों में से एक है जिन पर राज्य सरकार की पैनी नजर है और इस वजह से विभिन्न कदम उठाये जा रहे हैं।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि सुनवाई की अगली तारीख तक कोरोना के संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाना संभव होगा क्योंकि वे सरकार के परिपत्र के मुताबिक शारीरिक दूरी और मास्क पहनने के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराएंगे।
प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) ने यह भी आश्वासन दिया कि विभिन्न स्थानों पर पुलिस पिकेट स्थापित किए जाएंगे। जिलाधिकारी और एसएसपी के बयान को रिकार्ड में दर्ज करते हुए अदालत ने कहा, “हमें पक्का विश्वास है कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए इनके प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सुनवाई की अगली तारीख तक सामने आएंगे।”