‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर बैठक खत्म, सर्वदलीय कमिटी बनाने का फैसला हुआ
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 19, 2019 18:25 IST2019-06-19T18:25:52+5:302019-06-19T18:25:52+5:30
प्रधानमंत्री की इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए कोनराड संगमा, आशीष पटेल, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, थावरचंद गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर, सुखबीर बादल, सीताराम येचुरी, महबूबा मुफ्ती, डी. राजा, सुधाकर रेड्डी पहुंचे।

मोदी ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने तथा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के आयोजन सहित अन्य मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलायी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर विचार करने लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक समिति गठित करेंगे जो निश्चित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी। सर्वदलीय बैठक के बाद सिंह ने संवाददाताओें से कहा कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर एक समिति गठित की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह समिति निश्चित समय-सीमा में अपनी रिपोर्ट देगी। उल्लेखनीय है कि मोदी ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने तथा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के आयोजन सहित अन्य मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलायी थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मीटिंग में शामिल होने के लिए 40 राजनीतिक दलों को न्यौता भेजा गया था। इसमें 21 दलों के नेता पहुंचे और 3 पार्टियों ने लिखित रूप से इस मुद्दे पर अपनी राय भेजी थी।
Defence Minister Rajnath Singh after conclusion of the meeting of Presidents of all parties called by PM Modi: We had invited 40 political parties, out of which Presidents of 21 parties participated and 3 other parties sent their opinion on the subjects in writing. pic.twitter.com/FgsjkEQotg
— ANI (@ANI) June 19, 2019
वन नेशन वन इलेक्शन पर बैठक में शामिल होकर आए टीआरएस नेता के टी रामा राव ने कहा कि एक देश-एक चुनाव मोदी का या फिर बीजेपी का एजेंडा नहीं है। टीआरएस नेता के मुताबिक पीएम ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर कोई जल्दबाजी नहीं है, न ही उन्हें 2024 तक इसे लागू करना है। पीएम ने कहा, "मैंने आपके विचार सुने और मैं इसमें कोई नकारात्मकता और आलोचना नहीं देखता हूं। ये आगे बढ़ने के लिए अच्छा कदम है, हमलोग एक कमेटी बना सकते हैं जो इससे सुझावों और जटिलातों का अध्ययन करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और कुछ अन्य मुद्दों पर बुधवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस सहित 14 पाटियां शामिल नहीं हुई और उसने कहा कि अगर सरकार चुनाव सुधारों को लेकर कोई कदम उठानी चाहती है तो वह संसद में इस विषय पर चर्चा कराए।
Delhi: Meeting of heads of political parties held at Parliament under the chairmanship of PM Narendra Modi, ends. https://t.co/7URxYtp5AG
— ANI (@ANI) June 19, 2019
पार्टी सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभा के एकसाथ चुनाव कराने को लेकर भाजपा पर दोहारा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला था, लेकिन वह खेद प्रकट करते हुए इसमें शामिल नहीं हुए।
Milind Deora, Congress Mumbai President: India's 70-year electoral journey has taught us that the Indian voter can differentiate b/w state¢ral polls. Our democracy is neither fragile nor immature&debate of one nation-one poll calls for an open mind on either side of spectrum. pic.twitter.com/mHMs7jpB8h
— ANI (@ANI) June 19, 2019
बीजेपी की राज्यसभा सांसद सरोज पांडे ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के द्वारा वन नेशन वन इलेक्शन का जो विरोध किया जा रहा है, वह राष्ट्र हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल का स्वागत किया जाना चाहिए ना कि विरोध किया जाना चाहिए। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन ने कहा कि ये लागू करना गलत है, इसे लोकतंत्र के खिलाफ ही माना जाएगा। इनके अलावा जेडीयू और YSR कांग्रेस ने भी इसका समर्थन कर रहे हैं।
All-party meeting over 'One Nation, One Election' begins at Parliament
— ANI Digital (@ani_digital) June 19, 2019
Read @ANI story | https://t.co/qgVueNFHqLpic.twitter.com/6jIDqN5Iyr
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने कहा है कि उनकी पार्टी वन नेशन, वन इलेक्शन का समर्थन करती है। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना में अहिंसा शब्द शामिल करने की मांग की है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर बुलाई बैठक पर प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा है कि बीजेपी को उन वादों पर ध्यान देना चाहिए जो उन्होंने जनता से किया है, हमें उम्मीद है कि वे लोग इन वायदों को पूरा करने पर काम करेंगे, कुछ पार्टियां हैं जो वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर कभी राजी नहीं होंगी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और YSR कांग्रेस के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने एक देश एक चुनाव का समर्थन किया है।
पार्टी का कहना है कि इससे चुनाव खर्च बचेगा और समय भी कम होगा। पीएम की बैठक में हिस्सा लेने के लिए NCP प्रमुख शरद पवार भी पहुंचे हैं। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR इस बैठक में शामिल नहीं हुए हैं हालांकि उनके बेटे KTR शामिल हुए हैं।
इस बैठक में वन नेशन, वन इलेक्शन के अलावा भारत की आजादी के 75 साल, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती जैसे मुद्दों पर बात होनी है. बैठक में कई नेता शामिल हुए हैं लेकिन कांग्रेस, TMC जैसी विपक्षी पार्टी से कोई नहीं आया है।
देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर लंबे समय से बहस हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका समर्थन किया है. इस मामले पर चुनाव आयोग, नीति आयोग, विधि आयोग और संविधान समीक्षा आयोग बातचीत कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री की इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए कोनराड संगमा, आशीष पटेल, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, थावरचंद गहलोत, नरेंद्र सिंह तोमर, सुखबीर बादल, सीताराम येचुरी, महबूबा मुफ्ती, डी. राजा, सुधाकर रेड्डी पहुंचे।
गोगोई ने कहा, ‘‘हम भी चाहते हैं कि चुनाव प्रक्रिया में सुधार हो। हमने गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों पर एकसाथ उपचुनाव कराने की मांग की है। हमने कहा है कि मत पत्र से चुनाव कराए जाएं। हमने यह मुद्दा उठाया है कि इस चुनाव में बेतहाशा पैसे खर्च किए गए।
दिक्कत है कि प्रधानमंत्री विपक्ष की बातों को नजरअंदाज करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव संविधान से जुड़ा विषय है। अगर सरकार चाहे तो चुनाव सुधार को लेकर संसद में चर्चा करा सकती है।’’ कांग्रेस नेता ने भाजपा पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह वही सरकार है जो गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव का एक साथ नहीं करा पाई। लोकसभा चुनाव कई चरणों में कराए गए। गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों पर एकसाथ उपचुनाव नहीं करा पा रही है। ये लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से सबकुछ करते हैं।’’
एक सवाल के जवाब में गोगोई ने कहा कि जिन दलों के नेता इस बैठक में शामिल हुए हुए हैं, उनकी अपनी सोच है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व ने वरिष्ठ नेताओं एवं कुछ सहयोगी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया।
वैसे, इस मुद्दे पर कांग्रेस एवं सहयोगी दलों की बुधवार सुबह संसद भवन में बैठक होने वाली थी, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जन्मदिन से जुड़े कार्यक्रम की वजह से यह बैठक नहीं हो सकी। कांग्रेस के अलावा विपक्ष के प्रमुख नेताओं में बसपा अध्यक्ष मायावती, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया।
हालांकि वाम दलों की ओर से माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार एवं अन्य नेता इसमें शामिल हुए। कांग्रेस अतीत में भी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के विचार का विरोध करती आई है। उल्लेखनीय है कि मोदी ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने तथा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के आयोजन सहित अन्य मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलायी।
वन नेशन-वन इलेक्शन लोकतंत्र विरोध- सीपीएम
सीपीएम ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' के प्रस्ताव का विरोध किया है. पार्टी ने इसे 'मौलिक रूप से संघीय व्यवस्था-विरोधी, लोकतांत्रिक व्यवस्था विरोधी' बताया और इसे संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली की जड़ पर प्रहार करार दिया। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए सरकार को विधायिका के प्रति जवाबदेही की संवैधानिक योजना के साथ छेड़छाड़ करनी पड़ेगी।
एनडीए की सहयोगी रही शिवसेना भी इस बैठक में नहीं पहुंची है। ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने एक देश-एक चुनाव का समर्थन किया है, जबकि सीपीएम, समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया है।मीटिंग में नहीं पहुंचने वाली पार्टियों में कांग्रेस, टीएमसी, टीडीपी, आम आदमी पार्टी, एआईएडीएमके, डीएमके, एसपी, बीएसपी, शिवसेना, आरजेडी, जेडीएस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, एआईयूडीएफ और आईयूएमएल शामिल हैं।