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आज भारत बंद: मजदूरों की देशव्यापी हड़ताल, बैंक, ट्रांसपोर्ट से लेकर परीक्षाओं पर भी पड़ सकता है असर, जानें अहम बातें

By शीलेष शर्मा | Updated: January 8, 2020 06:44 IST

सूत्र बताते है कि भले ही यह हड़ताल मजदूर संगठनों द्वारा बुलाई गई है लेकिन कांग्रेस और वाम दल के नेता इस हड़ताल को कामयाब बनाने के लिए जी-तोड़ कोशिश में जुटे है.

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ठळक मुद्दे25 से 30 करोड़ देशभर के कर्मचारी आज की हड़ताल में शामिल होगें. सरकार की चेतावनी को नजरंदाज करते हुए कांग्रेस ने अपने श्रमिक संगठन इंटक के नेताओं को निर्देश दिया है कि वे पूरी ताकत से इस देशव्यापी हड़ताल को कामयाब बनाए.

मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ देशभर के मजदूर संगठन आज हड़ताल पर रहेगें. जिससे सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों में कामकाज ना होने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि सरकार ने चेतावनी दी है कि जो इस हड़ताल में शामिल होगा उसे उसका नतीजा भुगतना पड़ेगा.

सरकार की चेतावनी को नजरंदाज करते हुए कांग्रेस ने अपने श्रमिक संगठन इंटक के नेताओं को निर्देश दिया है कि वे पूरी ताकत से इस देशव्यापी हड़ताल को कामयाब बनाए. उधर वामपंथी दलों ने भी एटक, सीटू को ऐसे ही निर्देश जारी किये है.

सूत्र बताते है कि भले ही यह हड़ताल मजदूर संगठनों द्वारा बुलाई गई है लेकिन कांग्रेस और वाम दल के नेता इस हड़ताल को कामयाब बनाने के लिए जी-तोड़ कोशिश में जुटे है. मजदूर संगठनों की हड़ताल को बैंक कर्मचारियों के संगठनों ने भी समर्थन देने का फैसला किया है जिससे साफ हो गया है कि सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों में लेन-देन, चैक क्लीरियंस जैसी सुविधाएं उपभोक्ताओं को आज उपलब्ध नहीं होगी और इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा. 25 से 30 करोड़ देशभर के कर्मचारी आज की हड़ताल में शामिल होगें. 

सबसे दिलचस्प तो यह है कि भाजपा के समर्थन वाले हिन्द मजदूर सभा का भी समर्थन इस हड़ताल को प्राप्त है. सरकारी सूत्रों से मिले संकेतों के अनुसार भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस बात की कोशिश कर रहा है कि भाजपा समर्थित मजदूर संगठनों को इस हड़ताल से दूर रखा जाए जिसके लिए भाजपा के तमाम नेता मजदूर नेताओं को समझाने में जुटे है. 

वही दूसरी ओर मजदूर संगठनों ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार जन विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियां अपना कर कामगारों के साथ धोखा कर रही है. श्रम मंत्रालय के सामने जो मांगे रखी गयी थी उनकी अनदेखी की गयी है क्योंकि यह सरकार सार्वजनिक इकाईयों को समाप्त करने में जुटी है और वह मजदूर विरोधी रवैया अपनाकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है. 

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