गृह मंत्रालय ने कहा- असम में मौजूद विदेशी पत्रकारों से राज्य छोड़कर के लिए नहीं कहा गया, सूचना गलत और भ्रामक है
By रामदीप मिश्रा | Updated: September 4, 2019 15:23 IST2019-09-04T15:17:42+5:302019-09-04T15:23:42+5:30
गृह मंत्रालय ने कहा है, 'ये सूचना (असम में काम करने वाले सभी विदेशी पत्रकारों को राज्य छोड़ने के लिए कहा गया है) भ्रामक और गलत है। न तो गृह मंत्रालय और न ही विदेश मंत्रालय (विदेश मंत्रालय) ने ऐसी कोई जानकारी दी है।'

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गृह मंत्रालय ने बुधवार को असम से विदेशी पत्रकारों को राज्य छोड़ने के लिए आई सूचनाओं पर स्थिति साफ कर दी है। उसने कहा है कि गृह मंत्रालय की ओर से किसी भी तरह ऐसी सूचना जारी नहीं की गई है। यह सूचना भ्रामक और गलत है।
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय ने कहा है, 'ये सूचना (असम में काम करने वाले सभी विदेशी पत्रकारों को राज्य छोड़ने के लिए कहा गया है) भ्रामक और गलत है। न तो गृह मंत्रालय और न ही विदेश मंत्रालय (विदेश मंत्रालय) ने ऐसी कोई जानकारी दी है।'
MHA: Any foreign journalist, whether already based in India or not, can visit Assam after taking permission of MEA. MHA is consulted internally by MEA before issuing this permission. https://t.co/8wku5lqgK4
— ANI (@ANI) September 4, 2019
उसने कहा है कि कोई भी विदेशी पत्रकार जो पहले से ही भारत में स्थित है या नहीं, मंत्रालय की अनुमति लेने के बाद असम का दौरा कर सकता है। इस अनुमति को जारी करने से पहले विदेश मंत्रालय द्वारा आंतरिक रूप से गृह मंत्रालय से परामर्श किया जाता है।
आपको बता दें मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि असम में काम करने वाले सभी विदेशी पत्रकारों को राज्य छोड़ने के लिए कहा गया है। एक महिला रिपोर्टर को हाल ही में असम पुलिस ने हवाई अड्डे पर रोक दिया और दिल्ली के लिए अगली उपलब्ध उड़ान में वापस भेज दिया।
अभी हाल ही में असम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अद्यतन अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई। एनआरसी में 19 लाख से अधिक आवेदक अपना स्थान बनाने में विफल रहे। सूची से बाहर रखे गए इन आवेदकों का भविष्य अधर में लटक गया है क्योंकि एनआरसी असम में वैध भारतीय नागरिकों की पुष्टि से संबंधित है।
एनआरसी के राज्य समन्वयक कार्यालय ने एक बयान में कहा था कि 3,30,27,661 लोगों ने एनआरसी में शामिल होने के लिए आवेदन दिया था। इनमे से 3,11,21,004 लोगों को दस्तावेजों के आधार पर एनआरसी में शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है। जिन लोगों के नाम एनआरसी से बाहर रखे गये है, वे इसके खिलाफ 120 दिन के भीतर विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) में अपील दर्ज करा सकते हैं।