कोलकाता: ममता बनर्जी सरकार के मंत्री अखिल गिरी ने नंदीग्राम में शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ बेहद अपमानजनक और अमर्यादित टिप्पणी की। इस कारण खुद उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सहित कई दलों ने उनकी तीखी आलोचना की है।
स्वयं की पार्टी के कड़े रूख को देखते हुए मंत्रीा अखिल गिरि को फौरन समझ में आ गया कि उन्होंने भारी गलती कर दी है लिहाजा उन्होंने तुरंत यू-टर्न लेते हुए अपनी टिप्पणी पर खेद जताया और माफी भी मांग ली। लेकिन सूबे में विपक्षी दल की भूमिका निभा रही भारतीय जनता पार्टी ने मामले को तूल दिया और इसके राष्ट्रपति के अपमान के साथ-साथ महिला की गरिमा को भी ठेस पहुंचाने वाला बताया।
विवादित वीडियो में अखिल गिरी भाजपा पर हमला करते हुए नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी का जिक्र करते हुए कहते हैं, “उन्होंने (सुवेंदु अधिकारी) ने कहा कि मैं सुंदर नहीं हूं। वह कितना सुंदर है? हम किसी को उसकी शक्ल से नहीं आंकते। हम अपने राष्ट्रपति का सम्मान करते हैं लेकिन हमारी राष्ट्रपति कैसी दिखती हैं?”
भाजपा ने मंत्री अखिल गिरि के खिलाफ राष्ट्रीय महिला आयोग से शिकायत दर्ज कराई है और साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मांग की है कि वो अखिल गिरि को फौरन अपने मंत्रीमंडल से बाहर करें। इस संबंध में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता अर्जुन मुंडा ने कहा, "अखिल गिरि द्वारा महामहिम राष्ट्रपति पर की गई गई ओछी टिप्पणी ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का अपमान किया है।"
भाजपा नेता मुंडा ने मामले में रोष व्यक्त करते हुए कहा, “राष्ट्रपति का अपमान पूरे देश के लिए न केवल शर्मनाक है बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है। इस मामले में अभी तक अखिल गिरि के खिलाफ टीएमसी की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया, जबकि टीएमसी सरकार का नेतृत्व भी एक महिला कर रही हैं और उन्ही की पार्टी एक एमएलए महिला का अपमान कर रहा है, जो आदिवासी गौरव का प्रतीक हैं।"
विवाद में तृणमूल कांग्रेस की ओर से पक्ष रखते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा कि पार्टी पूरी निष्ठा के साथ राष्ट्रपति पद का सम्मान करती है और साथ ही राष्ट्रपति मुर्मू का बेहद आदर करता है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी विधायक अखिल गिरि द्वारा की गई दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी की पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है और स्पष्ट करती है कि हम ऐसे किसी बयान की घोर निंदा करते हैं, जिनसे राष्ट्रपति की मर्यादा को ठेस पहुंचती है। महिला सशक्तिकरण के युग में इस तरह की कोई भी टिप्पणी सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है।
वहीं मामले को तूल पकड़ा हुआ देख और हर ओर से मिल रही आलोचना को देखते हुए मंत्री अखिल गिरि ने बयान जारी करके कहा कि माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के लिए मेरे मन में अत्यंत सम्मान है और मेरे द्वारा कही गई बातों का यह आशय कतई नहीं था कि कि महामहिम द्रौपदी मुर्मू का अपमान हो।
गिरि ने माफी मांगते हुए कहा, "जिस तरह मैं संविधान का सम्मान करता हूं, ठीक उसी तरह मैं देश की महामहिम राष्ट्रपति महोदया का भी सम्मान करता हूं। पिछले कुछ दिनों से भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मेरे चेहरे के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की और मुझे अपमानित करने का प्रयास करे थे। उनकी टिप्पणी से नाराज होकर मैंने वह बयान दिया था लेकिन मुझसे गलती हुई है और मैं अपनी टिप्पणी पर खेद प्रगट करता हूं।"