CAA Protest: एएमयू के दस हजार नहीं बल्कि एक हजार छात्रों पर दर्ज हुआ है केस, एसएसपी ने दी सफाई
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 28, 2019 15:27 IST2019-12-28T15:27:21+5:302019-12-28T15:27:21+5:30
अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुलहरि की सफाई देते हुए बताया कि रिपोर्ट में भूल की वजह से एक हजार की जगह दस हजार लिखा गया, इस वजह से कन्फ्यूजन हुआ।

CAA Protest: एएमयू के दस हजार नहीं बल्कि एक हजार छात्रों पर दर्ज हुआ है केस, एसएसपी ने दी सफाई
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ 15 दिसंबर को हुई हिंसा के मामले में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के 10 हजार नहीं बल्कि एक हजार छात्रों पर केस हुआ है। इससे पहले पुलिस ने बताया था कि 10 हजार छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुलहरि की सफाई देते हुए बताया कि रिपोर्ट में भूल की वजह से एक हजार की जगह दस हजार लिखा गया, इस वजह से कन्फ्यूजन हुआ।
आपको बता दें कि ये केस 15 दिसंबर को हुई हिंसा के मामले में दर्ज किए गए हैं। इस प्रदर्शन के दौरान यूनिवर्सिटी के कैंपस में सीएए और एनआरसी के खिलाफ खूब बवाल हुआ था।
एएमयू के लगभग 2,000 लोगों ने 24 दिसंबर की शाम मोमबत्ती जुलूस निकाला था और राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंपा था। गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के मद्देनजर एएमयू पांच जनवरी 2020 तक बंद है और हॉस्टल भी खाली करा दिए गये हैं।
Case registered against 10,000 unidentified students of Aligarh Muslim University in connection with violence which broke out during protests against #CitizenshipAmendmentAct on December 15
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2019
एएमयू शिक्षक संघ ने 15 दिसंबर को हुए झड़प मामले में न्यायिक जांच की मांग की
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्याल के शिक्षक संघ ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ पुलिस और छात्रों के बीच पिछले हफ्ते हुए झड़प की न्यायिक जांच कराने की शुक्रवार को मांग की। शिक्षक संघ ने यह भी मांग की कि विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ दर्ज किये ‘‘झूठे मामले’’ तत्काल वापस लिए जाएं तथा दोषी पुलिसकर्मियों को कानून के मुताबिक सजा दिये जाएं। शिक्षक निकाय ने कहा कि इसके बिना संस्थान के परिसर में सामान्य स्थिति बहाल करने में कठिनाई होगी।
एएमयू के सैकड़ों छात्रों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ 15 दिसंबर को प्रदर्शन किया था जिसके बाद पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गयी । इसके बाद विवि प्रशासन ने पांच जनवरी तक संस्थान को बंद करने का ऐलान कर दिया। शिक्षक संघ ने शुक्रवार को बैठक कर एक प्रस्तावित किया और कहा कि 15 दिसंबर को हुए हिंसक घटनक्रम में ‘‘न्यायिक जांच से कम कुछ भी नहीं ।’’ उन्होंने कहा कि इससे हिंसक प्रदर्शन के पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।