बीजेपी को झटका, कृषि विधेयकों के विरोध में NDA से अलग हुआ सबसे पुराना सहयोगी अकाली दल

By भाषा | Published: September 27, 2020 06:40 AM2020-09-27T06:40:59+5:302020-09-27T06:40:59+5:30

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजग से अलग होने के अकाली दल के फैसले को बादल परिवार के लिए ‘‘राजनीतिक मजबूरी’’ बताया। उन्होंने कहा कि कृषि विधेयकों को लेकर भाजपा द्वारा शिअद की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने के बाद बादल के पास कोई और विकल्प नहीं रह गया था।

Akali Da oldest ally separated from NDA in opposition to agricultural bills | बीजेपी को झटका, कृषि विधेयकों के विरोध में NDA से अलग हुआ सबसे पुराना सहयोगी अकाली दल

अमरिंदर सिंह ने राजग से अलग होने के अकाली दल के फैसले को बादल परिवार के लिए ‘‘राजनीतिक मजबूरी’’ बताया।

Highlightsकृषि विधेयकों के विरोध में शनिवार रात को भाजपा नीत राजग से अलग होने की घोषणा की। राजग के दो अन्य प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना और तेलगु देशम पार्टी भी अन्य मुद्दों पर गठबंधन से अलग हो चुके हैं।

चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कृषि विधेयकों के विरोध में शनिवार रात को भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने की घोषणा की। यहां पार्टी की कोर समिति की बैठक के बाद उन्होंने यह घोषणा की।

सुखबीर ने कहा, ‘‘शिरोमणि अकाली दल की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई कोर समिति की आज रात हुई आपात बैठक में भाजपा नीत राजग से अगल होने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया।’’ इससे पहले राजग के दो अन्य प्रमुख सहयोगी दल शिवसेना और तेलगु देशम पार्टी भी अन्य मुद्दों पर गठबंधन से अलग हो चुके हैं। 

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजग से अलग होने के अकाली दल के फैसले को बादल परिवार के लिए ‘‘राजनीतिक मजबूरी’’ बताया। उन्होंने कहा कि कृषि विधेयकों को लेकर भाजपा द्वारा शिअद की सार्वजनिक रूप से आलोचना करने के बाद बादल के पास कोई और विकल्प नहीं रह गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के फैसले के पीछे कोई नैतिक आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कृषि विधेयकों को लेकर किसानों को नहीं मना पाने के लिए अकाली दल को जिम्मेदार ठहराया था जिसके बाद उनके पास और कोई विकल्प नहीं रह गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के भाजपा नीत सत्तारूढ़ दल ने शिअद के झूठ और दोहरे रवैये को सामने ला दिया।

उन्होंने कहा कि चेहरा बचाने की इस कवायद में अकाली दल और भी बड़ी राजनीतिक मुश्किल में फंस गया है जिसमें अब उनके लिए पंजाब के साथ-साथ केंद्र में भी कोई जगह नहीं बची। दूसरी ओर शिअद की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर ने राजग से अलग होने के बारे में कहा कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार ने पंजाब की ओर से आंखें मूंद ली हैं।

उन्होंने कहा कि यह वह गठबंधन नहीं है जिसकी कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कल्पना की थी। हरसिमत कौर ने कृषि विधेयकों के विरोध में हाल में कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

Web Title: Akali Da oldest ally separated from NDA in opposition to agricultural bills

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