भारत चीन को भी बालाकोट जैसा सबक सिखाए- बोले अजमेर दरगाह के दीवान, कहा-पड़ोसी हमारी शांति-मधुर संबध को न समझे हमारी कमजोरी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 14, 2022 07:45 IST2022-12-14T07:31:43+5:302022-12-14T07:45:08+5:30
इस पर बोलते हुए अजमेर दरगाह के सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा है कि ‘‘चीन को अपनी नापाक हरकतों से बाज आना ही होगा नहीं तो वह यह ध्यान रखे की यह नया भारत है।’’

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
जयपुर: अजमेर के सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख एवं वंशानुगत सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने मंगलवार को कहा कि यह जरूरी है की भारतचीन को भी बालाकोट जैसा सबक सिखाया जाए।
चीन को लेकर क्या बोलें अजमेर के सज्जादानशीन दीवान
मामले में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘‘चीन आए दिन भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश करता रहता है। भारतीय सैनिकों से झड़प की खबरें आती रहती है। हमें गर्व है की हमारी सेना के शूरवीर उसे कामयाब नहीं होने देते। चीन की रोज-रोज की इस नापाक हरकत पर विराम लगाने के लिए यह जरूरी है की भारत चीन को भी बालाकोट जैसा सबक सिखाए।’’
हमला न करना पड़ोसी देश न समझे हमारी कमजोरी- सज्जादानशीन दीवान
आगे बोलते हुए दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख ने कहा कि भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ शांति और मधुर संबंध पर जोर देता रहा है लेकिन पड़ोसी देश भारत के इस व्यवहार को कमजोरी ना समझे।
एक बयान में उन्होंने आगे कहा, ‘‘आज चीन हो या कोई भी देश, भारत अपनी सीमाओं की रक्षा करने में किसी भी हद तक जा सकता है। जिस की जीती-जागती मिसाल दुनिया के सामने बालाकोट है। चीन को अपनी नापाक हरकतों से बाज आना ही होगा नहीं तो वह यह ध्यान रखे की यह नया भारत है।’’
दोनों देश सीम पर कम करें तनाव- संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प के कुछ दिनों बाद दोनों देशों से सीमा पर तनाव को कम करने का आह्वान किया है। बताया जा रहा है कि झड़प के दौरान दोनों पक्षों के कुछ सैनिकों को मामूली चोटें आईं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्या कहा
इस पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में अपने बयान में कहा, “भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में अतिक्रमण करने से रोका और उसे अपनी चौकियों पर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। झड़प में दोनों पक्षों के कुछ सैनिक घायल हो गए।”
सिंह ने कहा कि भारतीय सेना ने नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति को “एकतरफा” बदलने के चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रयास को विफल कर दिया। संरा महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक से जब इस मुद्दे पर टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा, “हां, हमनें खबरें देखी हैं। हम तनाव कम करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि इलाके में तनाव और न बढ़े।”
चीन के तरफ से क्या आई है प्रतिक्रिया
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बीजिंग में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य माध्यमों से सीमा संबंधी मुद्दों पर सुचारू सपंर्क बनाए रखा है। जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प है।