शिंदे और फड़नवीस द्वारा इस्तीफा नहीं देने पर अजित पवार का तंज, कहा- सपने में भी मत सोचिए कि वो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देंगे
By मनाली रस्तोगी | Published: May 12, 2023 11:35 AM2023-05-12T11:35:11+5:302023-05-12T11:36:25+5:30
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस्तीफे की मांग करने की कोई जरूरत नहीं है, यह शिवसेना बनाम सेना के झगड़े पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर है।
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस्तीफे की मांग करने की कोई जरूरत नहीं है, यह शिवसेना बनाम सेना के झगड़े पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर है। उद्धव ठाकरे द्वारा मौजूदा मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग के बारे में पूछे जाने पर पवार ने संवाददाताओं से कहा, "सपने में भी मत सोचिए कि सीएम और डिप्टी सीएम नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और मौजूदा लोगों में काफी अंतर है।" महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरुवार को सर्वसम्मति वाले अपने फैसले में कहा कि वह उद्धव ठाकरे नीत तत्कालीन महा विकास आघाड़ी सरकार को बहाल नहीं कर सकता क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष जून माह में शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना ही पद से इस्तीफा दे दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि ने वह ठाकरे नीत एमवीए सरकार को बहाल करने के उपाय के बारे में विचार कर सकता था अगर उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं दिया होता। शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भी खिंचाई की और कहा कि उनके पास इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए ऐसी सामग्री नहीं थी कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ठाकरे ने सदन का विश्वास खो दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष का भरत गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में मान्यता देने का निर्णय "कानून के अनुरुप नहीं" था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी राज्य के राज्यपाल के पास राजनीतिक दायरे में दाखिल होने तथा अंतर-दलीय विवादों या पार्टी के आंतरिक विवादों में भूमिका निभाने की शक्तियां नहीं होती।
कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए कहना "कानून के अनुरूप नहीं था।" कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल का एकनाथ शिंदे को नयी सरकार गठित करने के लिए आमंत्रित करने का 30 जून 2022 का निर्णय उचित था।