नई दिल्ली: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव अजय माकन ने बुधवार को कहा कि आज हमें डीसीपी का एक पत्र मिला कि हम 5 अगस्त को विरोध नहीं कर सकते और एआईसीसी को पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। सरकार चाहे जितना चाहे हमें दबा सकती है, लेकिन हम महंगाई, बेरोजगारी, खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी का विरोध करेंगे और जेल जाने पर भी अपने कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ेंगे।
बता दें कि कुछ दिनों पहले कांग्रेस ने मूल्य वृद्धि और बेरोजगारी पर 5 अगस्त को व्यापक राष्ट्रव्यापी विरोध करने की घोषणा की थी। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पार्टी के सांसद मुद्दों पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए संसद से "चलो राष्ट्रपति भवन" का आयोजन करने वाले थे। सीडब्ल्यूसी के सदस्य और वरिष्ठ नेतृत्व ने उस दिन "पीएम हाउस घेराव" में भाग लेने की घोषणा की थी।
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, "कांग्रेस मुख्यालय और 10 जनपथ को पुलिस छावनी में बदलना अघोषित आपातकाल है। नेशनल हेरल्ड (यंग इंडियन) कार्यालय को जबरदस्ती सील कर दिया गया है। इस तानाशाही सरकार के खिलाफ जनता कांग्रेस के साथ खड़ी नहीं हुई तो इसका खामियजा पूरे देश को भुगतना पड़ेगा।"
इस बीच टीएमसी, आईएनसी, डीएमके, आप, टीआरएस, एसपी, सीपीआई (एम), राजद और शिवसेना सहित सभी विपक्षी दलों नेएक संयुक्त बयान जारी कर पीएमएलए 2002 में संशोधनों को पूरी तरह से बरकरार रखने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के दीर्घकालिक निहितार्थों पर अपनी गहरी आशंका को रिकॉर्ड में रखा है।
ऐसे में वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "आज 17 विपक्षी दलों (टीएमसी और आप सहित) और एक निर्दलीय राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने इस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए। बयान सुप्रीम कोर्ट के फैसले (पीएमएलए 2002 में संशोधन पर) के निहितार्थ के बारे में है, खासकर जब सरकार का एकमात्र सिद्धांत राजनीतिक प्रतिशोध है। आगे भी कदम उठाए जाएंगे। हमने समीक्षा की मांग की है, हमारे नेता और विपक्षी नेता भी राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे। इसे सुप्रीम कोर्ट में उठाने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे।"