एयरसेल-मैक्सिस मामला: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, कार्ति को गिरफ्तारी से 30 मई तक राहत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 6, 2019 02:24 PM2019-05-06T14:24:53+5:302019-05-06T14:24:53+5:30

सीबीआई और ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जरनल तुषार मेहता ने जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा, जिसके बाद यह अनुरोध किया गया। यह मामला एयरसेल-मैक्सिस समझौते में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। 

Aircel-Maxis case: Rouse avenue court extends Chidambaram's interim protection till May 30. | एयरसेल-मैक्सिस मामला: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, कार्ति को गिरफ्तारी से 30 मई तक राहत

जांच एजेंसी 13 बार इस मामले में कोर्ट से समय ले चुकी हैऔर अभी भी जांच एजेंसी के हाथ खाली हैं।

Highlightsएजेंसी के तरफ से बार-बार इस मामले में तारीख मांगने को लेकर भी जज ने सवाल उठाया।वह देखना चाहती है कि अब तक इस मामले में ईडी ने अपनी जांच किस दिशा में की है और जांच कब तक पूरी की जा सकती है।

दिल्ली की एक अदालत ने एयरसेल-मैक्सिस मामलों में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम छूट की अवधि सोमवार को 30 मई तक के लिए बढ़ा दी। पी चिदंबरम और उनके बेटे की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ए एम सिंघवी ने इस संबंध में अदालत से अनुरोध किया था, जिसके बाद विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने छूट की अवधि बढ़ा दी।

सीबीआई और ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जरनल तुषार मेहता ने जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा, जिसके बाद यह अनुरोध किया गया। यह मामला एयरसेल-मैक्सिस समझौते में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। ईडी की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केस मामले में अभी जांच चल रही है और टीम को यूके और सिंगापुर भेजा गया है और जल्द ही टीम ठोस सबूत और दस्तावेजों के साथ होगी जिन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।

हालांकि, कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने  इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा की जांच एजेंसी 13 बार इस मामले में कोर्ट से समय ले चुकी हैऔर अभी भी जांच एजेंसी के हाथ खाली हैं। 2014 से अब तक इस मामले को लगातार लंबा खींचने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में उनके क्लाइंट पी चिदम्बरम को जमानत दी जानी चाहिए गयी है। जांच एजेंसी पहले ही अपनी चार्जशीट इस मामले में कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। 

ऐसे में अगर जांच आगे भी चल रही है तो पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को जमानत क्यों नहीं मिलनी चाहिए। कपिल सिब्बल की तरफ से इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट को कहा गया कि यह उनके क्लाइंट को बेवजह परेशान करने की कोशिश है। ईडी हो या सीबीआई कोई भी इस मामले में पूछताछ नही कर रहा है। चार्जशीट भी दायर हो चुकी है।

एजेंसी के तरफ से बार-बार इस मामले में तारीख मांगने को लेकर भी जज ने सवाल उठाया। साथ ही कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को इस मामले में अगली सुनवाई पर केस फाइल भी कोर्ट के सामने पेश करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि वह देखना चाहती है कि अब तक इस मामले में ईडी ने अपनी जांच किस दिशा में की है और जांच कब तक पूरी की जा सकती है।

Web Title: Aircel-Maxis case: Rouse avenue court extends Chidambaram's interim protection till May 30.

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