वायु प्रदूषण से गई 12 लाख लोगों की जान, सबसे ज्यादा उत्तर भारत और राजधानी है प्रभावित

By मेघना वर्मा | Published: December 7, 2018 10:21 AM2018-12-07T10:21:00+5:302018-12-07T10:21:00+5:30

इस स्टडी में कहा गया कि भारत की 77 प्रतिशत जनता घर के बाहर के प्रदूषण के उस स्तर के संपर्क में आई जो नेशनल एंबियंट एअर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (एनएएक्यूएस) की सुरक्षित सीमा से ऊपर था।

air pollution in india cause of 12.4 lakh deaths in one year | वायु प्रदूषण से गई 12 लाख लोगों की जान, सबसे ज्यादा उत्तर भारत और राजधानी है प्रभावित

वायु प्रदूषण से गई 12 लाख लोगों की जान, सबसे ज्यादा उत्तर भारत और राजधानी है प्रभावित

दिल्ली में प्रदूषण का लेवल बढ़ गया ये बात तो सभी जानते हैं मगर क्या आपको ये पता है कि इस प्रदूषण से एक साल मे 12 लाख से भी ज्यादा मौतें हो चुकीं हैं। जी हां ये कोई हवाई बातें नहीं हैं बल्कि एक रिसर्च के मुताबिक बीते साल 2017 में देश में तंबाकू के इस्तेमाल के मुकाबले वायु प्रदूषण से मरने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है। आइए आपको बताते हैं क्या कहता है रिसर्च। 

हर आठवें व्यक्ति ने गवांईं हैं अपनी जान

वायु प्रदूषण के चलते हर आठवें व्यक्ति ने अपनी जान गंवाई है। गुरुवार को एक अध्ययन में इस बात को रखा गया कि दिल्ली के लोग बेहद ही खतरनाक हवा में जी रहे हैं। जिसमें मौजूद सूक्ष्म कण उनकी जान के लिए सबसे बड़ा खतरा हैं। रिसर्च में इस बात को कहा गया कि दिल्ली के लोगों में सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण का खतरा मंडरा रहा है। 

12.4 लाख लोगों की गई जान

स्टडी में कहा गया कि  इन सूक्ष्म कणों में पीएम 2.5 के सबसे ज्यादा संपर्क में आने से 2017 में करीब 12.4 लाख लोगों की जान गई। इसमें बताया गया है कि भारत में औसत जीवन प्रत्याशा 1.7 गुणा ज्यादा होती अगर प्रदूषण का स्तर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले स्तर से नीचे होता।

18 फीसदी लोगों ने समय से पहले गंवाई जान

स्टडी में इस बात का भी खुलासा हुआ कि दुनिया भर में वायु प्रदूषण की वजह से 18 फीसदी लोगों ने समय से पहले या तो अपनी जान गंवा दी या वो बीमार पड़ गए। इन आंकड़ों में सबसे ज्यादा 26 फीसदी संख्या भारत के लोगों की ही है। पिछले साल जितनों की मौत वायु प्रदूषण की वजह से हुई उनमें 70 की उम्र साल से कम थी। 

उत्तर भारत में है ज्यादा प्रदूषण

इस स्टडी में कहा गया कि भारत की 77 प्रतिशत जनता घर के बाहर के प्रदूषण के उस स्तर के संपर्क में आई जो नेशनल एंबियंट एअर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (एनएएक्यूएस) की सुरक्षित सीमा से ऊपर था। घर के बाहर के प्रदूषण का स्तर खास कर उत्तर भारत के राज्यों में अधिक था। यह अध्ययन लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

Web Title: air pollution in india cause of 12.4 lakh deaths in one year

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