Air Pollution: आम आदमी पार्टी ने हरियाणा पर फोड़ा दिल्ली प्रदूषण का ठीकरा, कहा,'पंजाब तो 500 किमी दूर है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 6, 2023 12:10 PM2023-11-06T12:10:27+5:302023-11-06T12:13:30+5:30
देश की राजधानी दिल्ली इस समय गंभीर प्रदूषण की मार झेल रही है। मामले में दिल्ली की सत्ताधारी आप और विपक्षी दल भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है।
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली इस समय गंभीर प्रदूषण की मार झेल रही है। इस मामले में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) और विपक्षी दल भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला लगातार जारी है। इस बीच आप ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी से निकटता का हवाला देते हुए दिल्ली-एनसीआर में उभरे गंभीर प्रदूषण के लिए सीधे तौर पर हरियाणा की भाजपा सरकार को कसूरवार ठहरा दिया है।
इस संबंध में आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि साल 2014 के बाद से हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा प्रदूषण की रोकथाम के लिए किये गये उपायों के विश्लेषण करना बेहद जरूरी है।
समाचार वेबसाइट हिदुस्तान टाइम्स के अनुसार आप प्रवक्ता कक्कड़ ने कहा, “भाजपा बेकार के आरोप लगा रही है कि पंजाब में पारली जलने से दिल्ली में प्रदूषण हो रहा है। यह बात तो बेहद आसानी से समझने की है कि पंजाब में जलती हुई पराली लगभग 500 किलोमीटर दूर है। वहीं हरियाणा में जलने वाली पराली की दूरी महज 100 किलोमीटर है। अब देखने की बात यह है कि साल 2014 के बाद से हरियाणा में खट्टर सरकार ने प्रदूषण की रोकथाम के लिए कौन-कौन से उपाय किये हैं।"
इसके साथ आप प्रवक्ता ने यह भी कहा कि मौजूदा हालात में दिल्ली में वायु प्रदूषण में 31 फीसदी की गिरावट देखी गई है। उन्होंने कहा, “आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में केंद्र सरकार ने माना कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता पिछले आठ वर्षों में सबसे अच्छी रही है। सीएक्यूएम डेटा से यह भी पता चलता है कि पंजाब में पराली जलाने में 50-67 प्रतिशत की कमी आई है।"
मालूम हो कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सोमवार को भी 'गंभीर' श्रेणी में बनी रही। दिल्ली के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (ईडब्ल्यूएस) ने पूर्वानुमान लगाया है कि दिल्ली का AQI कम से कम अगले कुछ दिनों तक 'गंभीर' रहेगा।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने रविवार को ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (जीआरएपी) के चरण IV को लागू किया, जिससे अतिरिक्त प्रदूषण विरोधी प्रतिबंधों का लागू किया जाएगा।
इस 8 सूत्रीय कार्य योजना के अनुसार दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। केवल एलएनजी, सीएनजी, इलेक्ट्रिक ट्रकों को छोड़कर किसी भी अन्य ईंधन से संचालित वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं को ले जाने या आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वालों को छोड़कर दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) और भारी माल वाहन (एचजीवी) पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
जीआरएपी चरण-IV प्रतिबंधों में एनसीआर राज्य सरकारें भी शामिल हैं और जीएनसीटीडी छठी-नौवीं और ग्यारहवीं कक्षा के लिए भी शारीरिक कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में पाठ आयोजित करने पर निर्णय ले सकती हैं।
डॉक्टरों के अनुसार किसी भी स्वस्थ व्यक्ति के लिए अनुशंसित AQI 50 से कम होना चाहिए, लेकिन इन दिनों AQI 400 से अधिक हो गया है, जो फेफड़ों से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए घातक साबित हो सकता है और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का खतरा भी पैदा हो सकता है।
मालूम हो कि पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने के मामले शहर में वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। इस बीच पंजाब के बठिंडा में भी ऐसी ही स्थिति देखी गई, जहां AQI (बहुत खराब) श्रेणी में रहा और समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 दर्ज किया गया।