अरुणाचल में ‘एयर गन आत्मसमर्पण कार्यक्रम’ से वन्यजीव संरक्षण की उम्मीदें बढ़ीं
By भाषा | Updated: September 6, 2021 16:35 IST2021-09-06T16:35:10+5:302021-09-06T16:35:10+5:30

अरुणाचल में ‘एयर गन आत्मसमर्पण कार्यक्रम’ से वन्यजीव संरक्षण की उम्मीदें बढ़ीं
ईटानगर, छह सितंबर अरुणाचल प्रदेश में वन्यजीवों और पक्षियों का शिकार यहां के इतिहास और संस्कृति का हिस्सा रहा है, लेकिन अब यहां ‘एयर गन आत्मसमर्पण अभियान’ से वन्यजीव संरक्षण की नयी उम्मीद जगी है जहां मार्च महीने में अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक लोग स्वेच्छा से 2,000 से अधिक एयर गन लौटा चुके हैं।
इस पहल की शुरुआत करने वाले राज्य के पर्यावरण और वन मंत्री मामा नातुंग ने कहा कि यह कार्यक्रम पूरी तरह स्वैच्छिक है जिसका उद्देश्य लोगों को क्रमिक तरीके से संरक्षण की अवधारणा से जोड़ना है।
नातुंग ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम संरक्षण के बारे में जागरुकता लाना चाहते हैं। अरुणाचल में 83,743 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 80 प्रतिशत हिस्सा जंगलों से आच्छादित है जहां पक्षियों और पशुओं की तकरीबन 500 प्रजातियां पाई जाती हैं। संभवत: कई के बारे में तो जानकारी नहीं है। अगर हम उन्हें मारते रहेंगे तो हमारे जंगल खत्म हो जाएंगे।’’
पिछले कुछ महीनों में नातुंग के सहयोगियों ने जागरुकता अभियान चलाने के लिए जिला प्रशासनों, वन विभाग के अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों तथा समुदाय आधारित संगठनों के साथ साझेदारी की है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।