Air Force Day: स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल हुईं सम्मानित, जानिए कौन हैं ये भारतीय वायुसेना की बहादुर 'सिपाही'
By रामदीप मिश्रा | Published: October 8, 2019 02:42 PM2019-10-08T14:42:22+5:302019-10-08T14:43:07+5:30
भारतीय वायुसेना की स्थापना आठ अक्टूबर 1932 को हुई थी। हर वर्ष इस दिन हिंडन बेस में वायुसेना दिवस मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख और तीनों सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहते हैं।
भारतीय वायुसेना के 87वें स्थापना दिवस पर मंगलवार को हिंडन बेस पर हुए कार्यक्रम में बालाकोट हवाई हमले में शामिल दो स्क्वॉड्रन को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने 51 स्क्वॉड्रन और 9 स्क्वॉड्रन को फरवरी में पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी शिविरों पर हवाई हमले में उनकी भूमिका के लिए सम्मानित किया।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल और उनके कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अभिजीत नेने को बालाकोट में हुए हमलों में अहम भूमिका निभाने के लिए केप्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
स्क्वाड्रन लीडर मिंटी अग्रवाल (तस्वीर में दाईं ओर, पिक में) को बालाकोट एयरस्ट्राइक और 27 फरवरी के ऑपरेशन के दौरान उड़ान नियंत्रक के रूप में देखा गया(पाकिस्तान के वायुसेना के बालाकोट एयरस्ट्राइक के लिए जवाबी कार्रवाई) था। ऑपरेशन के दौरान स्क्वाड्रल लीडर मिंटी अग्रवाल ने फाइटर कंट्रोलर की भूमिका निभाई थी। उनकी भूमिका के लिए उन्हें 15 अगस्त को युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया था।
Ghaziabad: Squadron Leader Minty Agarwal with her commanding officer Group Captain Abhijit Nene after their 601 Signal Unit was awarded unit citation by Indian Air Force Chief Rakesh Kumar Singh Bhadauria today for the Unit's role in Balakot air strikes. #AirForceDaypic.twitter.com/WfNvkZJ4nu
— ANI UP (@ANINewsUP) October 8, 2019
बालाकोट अभियान का हिस्सा रहे विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान और अन्य लड़ाकू विमानों के पायलटों ने फ्लायपास्ट में हिस्सा लिया। फरवरी में पाकिस्तान से आसमान में आमना सामना होने पर वर्धमान ने दुश्मन के एक विमान को मार गिराया था। इसके बाद उन्हें पाकिस्तान ने तीन दिन तक बंधक बना कर रखा था।
भारतीय वायुसेना की स्थापना आठ अक्टूबर 1932 को हुई थी। हर वर्ष इस दिन हिंडन बेस में वायुसेना दिवस मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख और तीनों सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहते हैं। वायुसेना ने कई महत्वपूर्ण युद्धों और ऐतिहासिक मिशनों में अहम भूमिका निभाई है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के आधार पर)