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चीन सीमा से सटे क्षेत्र में हाई अलर्ट पर वायुसेना, एयरफोर्स चीफ कर रहे हैं लेह एयरबेस का दौरा

By अनुराग आनंद | Published: June 19, 2020 2:58 PM

वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने लेह एयरबेस की तैयारी और जरूरतों का जायजा लिया है।

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ठळक मुद्देचीन व पाकिस्तान के बॉर्डर क्षेत्र के लिहाज से लेह और श्रीनगर एयरबेस काफी अहम हैं।वायुसेना ने मिराज 2000 की फ्लीट को भी लद्दाख क्षेत्र के पास मूव कर लिया है।इससे पहले सुखोई-30 को भी अलर्ट पर रखा गया है। 

नई दिल्ली: भारत व चीन सीमा पर दोनों देशों के सेनाओं के बीच तनाव जारी है। आज (शुक्रवार) राजधानी दिल्ली में चीन को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक होने जा रहा है। वहीं, किसी भी स्थिति में चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए वायुसेना अलर्ट पर है।

टाइम्स नाऊ के मुताबिक, बुधवार की देर रात वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने लेह स्थित एयरबेस का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने किसी भी विशेष परिस्थिति के लिए वायुसेना के जवानों को तैयार रहने के लिए कहा है। 

सीडीएस बिपिन रावत व सेना प्रमुख एमएम नरवणे से मिलकर एयर चीफ पहुंचे लेह

बता दें कि चीन के साथ जारी विवाद में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और सेना प्रमुख एमएम नरवणे से मुलाकात करने के बाद आरकेएस भदौरिया लेह पहुंचे थे।

दरअसल, बॉर्डर के पास लेह और श्रीनगर एयरबेस काफी अहम हैं। ऐसे में वायुसेना प्रमुख ने यहां की तैयारी और जरूरतों का जायजा लिया है।

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, वायुसेना ने मिराज 2000 की फ्लीट को भी लद्दाख क्षेत्र के पास मूव कर लिया है, ताकि चीन के पास बॉर्डर पर तुरंत मूव किया जा सके। इसी फ्लीट ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। इससे पहले सुखोई-30 को भी अलर्ट पर रखा गया है। 

चीन से झड़प में 20 जवान शहीद और 10 जवान को बाद में चीन ने किया रिहा

चीन सीमा पर गलवान वैली में सोमवार की रात को दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़पों में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा, चीनी सेना द्वारा बंधक बनाए गए दो अफसरों व 8 जवानों की कल देर रात को रिहाई हुई है। इस मामले पर भारतीय सेना ने खामोशी अख्तियार कर ली है।

वह इन खबरों का न ही खंडन कर रही है न ही पुष्टि। हालांकि, कल दोपहर को उसने एक बयान जारी कर दावा किया था कि कोई भारतीय सैनिक चीनी कब्जे में नहीं है। 

मिलने वाली खबरें कहती हैं कि 1962 के युद्ध के बाद पहली बार चीनी सेना ने सोमवार रात की लड़ाई के दौरान ‘बंधक’ बनाए गए भारतीय सैनिकों में से 10 को कल तभी रिहा किया जब दोनों मुल्कों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई।

बताया जाता है कि रिहा किए जाने वालों में भारतीय सेना के दो मेजर रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं और 8 अन्य रैंक के हैं। याद रहे इस समाचार पत्र ने इसके प्रति खबर मंगलवार को ही दे दी थी कि चीनी सेना के कब्जे में भारतीय सेना के कुछ अफसर और जवान हैं।

टॅग्स :चीनइंडियालद्दाखमिराज 2000
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