Canada: 'बेटे का लाश', भारत लाने के लिए परिजनों ने लगाई विदेश मंत्री से गुहार
By धीरज मिश्रा | Published: February 16, 2024 01:19 PM2024-02-16T13:19:45+5:302024-02-16T13:22:05+5:30
Canada: कनाडा में भारतीय छात्र की मौत हो गई है। जिसके बाद से उसकी लाश को भारत लाने के लिए छात्र के परिजन विदेश मंत्री एस जयशंकर से मदद की गुहार लगा रहे हैं। दरअसल, शेख मुजम्मिल अहमद(25) जो कि हैदराबाद का रहने वाला है।
Canada:कनाडा में भारतीय छात्र की मौत हो गई है। जिसके बाद से उसकी लाश को भारत लाने के लिए छात्र के परिजन विदेश मंत्री एस जयशंकर से मदद की गुहार लगा रहे हैं। दरअसल, शेख मुजम्मिल अहमद(25) जो कि हैदराबाद का रहने वाला है। वह कनाडा के कॉन्स्टोगा कॉलेज से आईटी में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा था।
.@DrSJaishankar Sir, One Shaik Muzammil Ahmed-25 years from Hyderabad, Telangana State persuing Masters in IT from Conestoga College, Waterloo Campus in Kitchener City in Ontario, Canada since Dec 2022 was suffering from fever since last one week, but his family received a call… pic.twitter.com/hvA1munXaX
— Amjed Ullah Khan MBT (@amjedmbt) February 15, 2024
मालूम हो कि तेलंगाना स्थित राजनीतिक दल मजलिस बचाओ तहरीक के नेता अमजद उल्लाह खान ने सोशल मीडिया पर इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक पत्र के साथ छात्र की दो फोटो भी शेयर की। इस पोस्ट पर विदेश मंत्रालय के द्वारा जानकारी दी गई है कि आपकी शिकायत पर कार्रवाई के लिए मदद पोर्टल पर दर्ज किया गया है।
छात्र को बुखार था
एमबीटी नेता ने कहा कि अहमद पिछले हफ्ते से बुखार से पीड़ित थे, लेकिन उनके परिवार को अहमद के दोस्त का फोन आया कि कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मृत्यु हो गई है। यह खबर सुनकर उनके माता-पिता और पूरा परिवार सदमे की स्थिति में है।
मृतक के परिवार द्वारा विदेश मंत्री जयशंकर से मदद का अनुरोध करने वाला पत्र भी पोस्ट किया। इससे पहले एमबीटी नेता खान ने उस मामले को भी उजागर किया था जहां शिकागो में एक अन्य भारतीय छात्र सैयद मजाहिर अली पर बेरहमी से हमला किया गया था।
सोशल मीडिया पर आ रहे कमेंट
भारत सरकार की विदेश मंत्रालय और विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग कर लोग पोस्ट कर रहे हैं। विदेश मंत्री से गुहार लगाई जा रही है कि भारतीय छात्र को कनाडा से वापिस लाया जाए। साथ ही कनाडा प्रशासन से भी इस समय सहयोग करने के लिए मांग की जा रही है। अब देखने वाली बात होगी कि भारत सरकार की विदेश मंत्रालय इस मामले को कैसे सुलझाती है।