एम्स सर्वे: हरिद्वार और देहरादून की 50 फीसदी आबादी शराबखोरी की चपेट में
By भाषा | Published: July 27, 2018 06:19 PM2018-07-27T18:19:39+5:302018-07-27T18:19:39+5:30
परीक्षण में 30-49 आयु वर्ग के लोगों में शराब के सेवन की लत ज्यादा देखने को मिली और पाया गया कि इस आयु वर्ग में 72 फीसदी पुरूष और 28 फीसदी महिलायें शराबखोरी की चपेट में हैं।
एम्स, ऋषिकेश के सब डीन कुमार सतीश रवि ने प्रकाशित हो चुके इस सर्वेंक्षण के नतीजों को साझा करते हुए कहा कि दोनों जिलों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा झुग्गियों में रहने वाले लोगों के परीक्षण में 30-49 आयु वर्ग के लोगों में शराब के सेवन की लत ज्यादा देखने को मिली और पाया गया कि इस आयु वर्ग में 72 फीसदी पुरूष और 28 फीसदी महिलायें शराबखोरी की चपेट में हैं।
उन्होंने बताया कि शादीशुदा जोड़ों में 38 फीसदी तथा अविवाहितों में 28 फीसदी तथा तलाकशुदा एवं विधवाओं में 33 फीसदी शराब के सेवन की आदत पायी गयी।एम्स के एनाटोमी विभाग के सहायक प्रोफेसर रवि ने बताया कि सर्वेंक्षण में शामिल लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा परिभाषित सभी श्रेणियों के थे। उन्होंने बताया कि महिलाओं में भी एल्कोहल के प्रति रूचि का चलन बढ़ता दिखायी दे रहा है।
दोनों जिलों में शराबखोरी की बढ़ती लत के लिए रवि बेरोजगारी, अशिक्षा, आर्थिक असमानता और शराब पीने के दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता के अलावा इस आदत से छुटकारा दिलाने के लिए पुनर्वास केंद्रों और इलाज की कमी को मानते हैं।
रवि ने बताया कि जल्द ही यह सर्वेंक्षण प्रदेश के चार अन्य पहाड़ी जिलों चमोली, उत्तरकाशी, पौडी और टिहरी में भी किया जायेगा। यह सर्वेंक्षण उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों की ओर भी ध्यान केन्द्रित किया जायेगा ताकि यह भी पता चल सके कि शराब पीकर गाड़ी चलाना सड़क हादसों के लिए कहां तक जिम्मेदार है।
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