एम्स दिल्ली में स्वदेशी कोवैक्सीन वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल सोमवार यानी 20 जुलाई से शुरू हो जाएगा. शनिवार को दिल्ली एम्स की एथिक्स कमेटी (आचार समिति) ने कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन ह्यूमन फेज-1 ट्रायल को शनिवार को मंजूरी दी थी. बताया जा रहा है कि ह्यूमन ट्रायल के लिए 10 घंटे के अंदर 1000 से अधिक लोगों ने पंजीयन कराया है. फिलहाल दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों को एनरोलमेंट की अनुमति दी गई है. वैक्सीन को लेकर अन्य 12 सेंटर्स ने पहले ही परीक्षण शुरू कर दिया है क्योंकि उन्हें पहले ही मंजूरी मिल चुकी है.
एम्स के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय के मुताबिक, 07428847499 नंबर पर कॉल करके वैक्सीन ट्रायल के लिए अपना नाम रजिस्टर कराया जा सकता है. डॉक्टर संजय राय के मुताबिक, सिर्फ 18 साल से ऊपर और 55 साल से कम उम्र के लोग ही ट्रायल में शामिल हो सकेंगे. जिस शख्स पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल होगा उसका कोविड टेस्ट किया जाएगा. पहले चरण में टीके का 375 लोगों पर परीक्षण किया जाएगा जिनमें से अधिकतम 100 लोग एम्स से हो सकते हैं. परीक्षण में शामिल होने के इच्छुक लोग एम्स की वेबसाइट पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
कोविड-19 का टीका तैयार करने में जुटी हैं सात भारतीय दवा कंपनियां
कम से कम सात भारतीय दवा कंपनियां कोरोना वायरस संक्रमण का टीका तैयार करने में जुटी हैं। वैश्विक स्तर पर इस जानलेवा महामारी के प्रसार को रोकने के लिए टीका बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. दुनियाभर में अब तक 1.4 करोड़ लोग इस वायरस से संकमित हो चुके हैं. अब तक यह महामारी वैश्विक स्तर पर छह लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है.
घरेलू फार्मा कंपनियों की बात की जाए, तो भारत बायोटेक, सीरम इंस्टिट्यूट, जायडस कैडिला, पैनेशिया बायोटेक, इंडियन इम्यूनोलॉजिकस, मायनवैक्स और बायोलॉजिकल ई कोविड-19 का टीका तैयार करने का प्रयास कर रही है. हालांकि, कोई टीका या वैक्सीन बनाने के लिए कई साल परीक्षण और उसके बाद उत्पादन के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत होती है. लेकिन इस महामारी की वजह से वैज्ञानिक कुछ महीनों में इसका टीका बनाने की उम्मीद कर रहे हैं.
भारत बायोटेक को वैक्सीन ‘कैंडिडेट’ कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण की अनुमति मिली है. इसका विनिर्माण कंपनी के हैदराबाद कारखाने में किया जाएगा. कंपनी ने पिछले सप्ताह मानव क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है.