हिन्दी व क्षेत्रीय भाषाओं में भी तैयार हों कृषि पाठ्यक्रम : मिश्र

By भाषा | Updated: January 18, 2021 18:25 IST2021-01-18T18:25:47+5:302021-01-18T18:25:47+5:30

Agriculture courses should also be prepared in Hindi and regional languages: Mishra | हिन्दी व क्षेत्रीय भाषाओं में भी तैयार हों कृषि पाठ्यक्रम : मिश्र

हिन्दी व क्षेत्रीय भाषाओं में भी तैयार हों कृषि पाठ्यक्रम : मिश्र

जयपुर, 18 जनवरी राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कृषि शिक्षा के बने बनाये ढर्रे को बदलने पर जोर देते हुए सोमवार को कृषि शिक्षा को आधुनिक समय के अनुरूप करने का आह्वान किया है। इसके साथ ही भविष्य में कृषि पाठ्यक्रम व प्रचार सामग्री हिंदी व क्षेत्रीय भाषाओं में भी तैयार करने की जरूरत बताई।

कुलाधिपति मिश्र सोमवार को कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के ऑनलाइन दीक्षांत समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रबंध तंत्र विकसित करने की जरूरत है जिसके तहत युवा केवल राजकीय सेवाओं में जाने की सोच की बजाय कृषि संबंधित कार्यों, उद्यमों और खेती-बाड़ी का कार्य करने के प्रति उत्सुक और लालायित रहें।

उन्होंने किसानों को खेतों के असली वैज्ञानिक बताते हुए भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के उनके अनुभवों, अधिक पैदावार के लिए किए जाने वाले उपायों, उन्नत किस्म के बीजों से संबंधित ज्ञान और कम पानी में अधिक उपज आदि के पारम्परिक ज्ञान को संजोने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गांवों में खेतों पर जाएंगे तो अभी भी बड़े बुजुर्ग ऐसे-ऐसे तरीके विद्यार्थियों को बता सकते हैं जिनसे खेती को और अधिक उन्नत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे तरीकों में आधुनिक विज्ञान को जोड़ते हुए भविष्य के पाठ्यक्रम और प्रसार सामग्री हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किए जाने की भी जरूरत है।

मिश्र ने विश्वविद्यालय द्वारा जैविक खेती को प्रोत्साहित करते हुए इस दिशा में और अधिक नवाचार करने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यक्रम में कहा कि कृषि क्षेत्र राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता पर है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एक समय ऐसा था जब किसान खेती के लिए पूरी तरह वर्षा पर निर्भर था, लेकिन इन्दिरा गांधी नहर परियोजना से गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, हनुमानगढ़ जैसे जिलों का बड़ा मरूस्थलीय भू-भाग आज उपजाऊ कृषि भूमि में परिवर्तित हो गया है।

कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार नवाचार आधारित प्रगतिशील कृषि को बढ़ावा देकर किसानों की आय में वृद्धि के पुरजोर प्रयास कर रही है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि कम वर्षा के कारण राजस्थान में खेती के लिए प्रतिकूल परिस्थिति है फिर भी सरसों, बाजरा, धनिया जैसी फसलों के उत्पादन में राज्य पहले स्थान पर है। कुलपति बी.आर. चौधरी ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की चर्चा की। दीक्षांत समारोह के दौरान कृषि संकाय के स्नातक व निष्णात परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किये गए।

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