झारखंड में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के साथ मारपीट की। जिसके बाद हर कोई बीजेपी की इस पर तीखी आलोचना कर रहा है। स्वामी अग्निवेश के साथ मारपीट की गई और उनके कपड़े भी फाड़ डाले गए। हिन्दू संगठनों ने स्वामी अग्निवेश के दौरे का विरोध किया था और जब स्वामी अग्निवेश उनके सामने आए तो उन पर हमला कर दिया गया था।
मंत्री के बोल
इस घटना के बाद झारखंड सरकार के मंत्री का बयान भी आया है और उन्होंने स्वामी अग्निवेश पर हमला बोला है।झारखंड सरकार के मंत्री सीपी सिंह ने कहा, 'जहां तक मैं जानता हूं, स्वामी अग्निवेश को विदेश से फंड मिलता है। जो भगवा कपड़े वो पहनते हैं, केवल साधारण भारतीयों को भ्रमित करने के लिए है। वो फ्रॉड हैं, कोई स्वामी नहीं। उन्होंने अपने ऊपर हमला खुद करवाया ताकि सुर्खियां बटोर सकें। वहीं, केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा है कि मैंने पहले ही कहा है कि मुझे इस विषय इतना ही कहना है कि मैं पहले भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लाइव बहस की चुनौती दे चुका हूं। केंद्रीय मंत्री किरण रिजजू ने कहा है कि हमें इस पर आधिकारिक रिपोर्ट नहीं मिली है।
राहुल गांधी का समर्थन
इसके पहले राहुल गांधी ने स्वामी अग्निवेश के साथ हुई मारपीट का वीडियो ट्वीट करके बीजेपी पर निशाना साथा है। बीजेपी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'मैं सबसे ताकतवर के सामने झुकता हूं। किसी व्यक्ति की शक्ति ही मेरे लिए सबकुछ है। मैं अपना सत्तावादी वर्चस्व बनाए रखने के लिए घृणा और भय का इस्तेमाल करता हूं। मेरी कोशिश सबसे कमजोर व्यक्ति को कुचलने की होती है। मैं व्यक्तियों को उपयोगिता के आधार पर महत्व देता हूं। बताओ कि मैं कौन हूं?'
स्वामी के बोल
उन्होंने कहा है कि जिनको गिरफ्तार किया गया था, उन्हें कुछ देर बाद छोड़ दिया गया। यह सब नाटक लगता है। डीआईजी के आदेश पर जांच भी फर्जी लगती है। मैं रांची हाई कोर्ट के किसी सिटिंग या रिटायर्ड जज द्वारा जांच चाहता हूं। मेरी हत्या की जा सकती थी। इसकी योजना पहले से बनाई गई थी
बताया जा रहा है कि दरअसल, स्वामी अग्निवेश लिट्टीपाड़ा में 195वां दामिन महोत्सव में हिस्सा लेने जा रहे थे। इसी बीच उन्हें कार्यक्रम स्थल पर जाने से रोक दिया गया और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि स्वामी अग्निवेश आदिवासियों और ईसाई मिशनरियों को भड़काने का काम कर रहे हैं। वहीं, पुलिस ने दो दर्जन कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।
गौरतलब है कि इससे पहले गुजरात में साल 2011 में एक जनसभा के दौरान स्वामी अग्निवेश के साथ एक संत ने अभद्रता कर दी थी। जनसभा के दौरान संत ने स्वामी अग्निवेश को थप्पड़ मार दिया था। वह संत महंत नित्यानंद दास थे। वह अमरनाथ मंदिर के बारे में अग्निवेश द्वारा दिए गए बयान से नाराज था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमरनाथ शिवलिंग का निर्माण कृत्रिम बर्फ से किया गया है। इसके बाद संत ने अग्निवेश पर जूता चलाने वाले को 51,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की थी। महंत नित्यानंद दास ने उस समय थप्पड़ मार दिया था जैसे ही वह लोगों से मिलने के लिए आगे बढ़े। इस दौरान अग्निवेश की पगड़ी भी नीचे गिर गई थी।