बहाल नहीं होगी अफजाल की संसद सदस्यता, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सजा पर रोक लगाने से इनकार किया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 25, 2023 03:52 PM2023-07-25T15:52:22+5:302023-07-25T15:54:08+5:30
अफजाल की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि सजा पर रोक लगाना कोई नियम नहीं है बल्कि अपवाद है जिसका सहारा दुर्लभ मामलों में लिया जाना चाहिए। उच्च न्यायलय के फैसले से साफ हो गया है कि अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता भी बहाल नहीं होगी।
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से बसपा से पूर्व सांसद अफजाल अंसारी की याचिका खारिज कर दी है। अफजाल अंसारी ने गैंगस्टर एक्ट मामले में निचली अदालत से मिली सजा पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में अपील की थी। निचली अदालत से 4 साल की सजा सुनाए जाने के बाद अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता भी समाप्त हो गई थी।
अफजाल की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि सजा पर रोक लगाना कोई नियम नहीं है बल्कि अपवाद है जिसका सहारा दुर्लभ मामलों में लिया जाना चाहिए। उच्च न्यायलय के फैसले से साफ हो गया है कि अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता भी बहाल नहीं होगी और न ही वह आने वाले समय में कोई भी चुनाव लड़ पाएगा।
हालांकि गैंगस्टर मामले में 29 अप्रैल को गाजीपुर की अदालत से 4 साल की सजा मिलने के बाद जेल में बंद अफजाल को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई को राहत भी दी थी। हाई कोर्ट ने गैंगस्टर के मामले में अफजाल अंसारी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली थी।
बता दें कि गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 29 अप्रैल को अफजाल को 4 साल की कैद की सजा के साथ 1 लाख का जुर्माना भी लगाया था। इसी मामले में पूर्व सांसद के भाई मुख्तार को अदालत ने दोषी करार देते हुए 10 साल कैद और 5 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।
ये पूरा मामला साल 2005 में हुई तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानन्द राय समेत 7 लोगों की हत्या से संबंधित है। इस मामले में 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी, उनके भाई माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल हक पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार पर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय और नंदकिशोर गुप्ता रुंगटा की हत्या मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। वहीं, उसके भाई अफजाल पर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में दर्ज केस के आधार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। दोनों भाईयों के खिलाफ मुहम्मदाबाद थाने में 2007 में दर्ज हुआ था।