महाराष्ट्र: कम नहीं हो रही उद्धव ठाकरे की मुसीबतें, अब डोंबिवली नगर निगम में पार्षदों ने छोड़ा साथ
By शिवेंद्र राय | Updated: July 8, 2022 13:29 IST2022-07-08T13:26:22+5:302022-07-08T13:29:49+5:30
पहले मुख्यमंत्री की कुर्सी गयी और अब एक के बाद नगर पालिकाएं भी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के हाथ से निकल रही हैं। ताजा मामला ताजा मामला कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका से जुड़ा है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (फाइल फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुसीबते कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। एकनाथ शिंदे और विधायकों की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे की सरकार पहले ही गिर चुकी है। अब शिवसेना प्रमुख को नगर-निगमों में भी झटके पर झटके लग रहे हैं।
ताजा मामला कल्याण डोंबिवली महानगरपालिका से जुड़ा है। यहां 55 पार्षद उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर बागी एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हो गए हैं। इससे पहले नवी मुंबई के 32 और ठाणे नगर निगम के 67 में 66 पार्षद एकनाथ शिंदे के गुट में शामिल हो चुके हैं।
चंद दिनो पहले तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे उद्धव ठाकरे का हाथ से अब पार्टी भी फिसलती दिख रही है। एक के एक नगर निगमों में एकनाथ शिंदे के लिए बढ़ता समर्थन ठाकरे परिवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि मुंबई महानगर क्षेत्र में 9 महत्वपूर्ण नगर निगम आते हैं। इनमें से ठाणे, नवी मुंबई और कल्याण-डोंबिवली पर अब एकनाथ शिंदे गुट का कब्जा हो चुका है। जिस तरह से एकनथ शिंदे के लिए समर्थन लगातार बढ़ रहा है उसे देखते हुए माना जा रहा है कि जल्द ही कई और नगर पालिकाएं शिंदे गुट में जा सकती हैं।
बता दें कि कभी उद्धव ठाकरे के सबसे करीबी नेताओं में गिने जाने वाले एकनाथ शिंदे ने बगावत करके पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा विधायकों को अपने पाले में कर लिया और उद्धव सरकार गुरा दी। अब शिंदे भाजपा के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं।
हालांकि अभी उद्धव ठाकरे का गुट भी शांत नहीं बैठा है। हाल ही में उद्धव ठाकरे गुट ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दाखिल की है। राज्यपाल ने एकनाथ शिंदे गुट और भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दिया था। उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिका राज्यपाल के इसी फैसले के खिलाफ है।