बिहार विधानसभा चुनाव में झटका खाने के बाद पीके क्या जाएंगे कांग्रेस के शरण में? प्रियंका गांधी के बीच दिल्ली में हुई मुलाकात!
By एस पी सिन्हा | Updated: December 15, 2025 16:03 IST2025-12-15T16:03:43+5:302025-12-15T16:03:48+5:30
सूत्रों के अनुसार पीके ने हाल ही में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की। दिल्ली में हुई इस बैठक ने सियासी गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

बिहार विधानसभा चुनाव में झटका खाने के बाद पीके क्या जाएंगे कांग्रेस के शरण में? प्रियंका गांधी के बीच दिल्ली में हुई मुलाकात!
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में जन सूरज पार्टी के असफल प्रदर्शन के बाद चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (पीके) की रणनीति पर काफी सवाल उठे। चुनावों के तुरंत बाद पीके ने इस करारी हार की जिम्मेदारी ली और फिर से कोशिश में जुटने का वादा किया था। इसके बाद से उन्होंने मीडिया से दूरी बना ली। लेकिन एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। सूत्रों के अनुसार पीके ने हाल ही में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की। दिल्ली में हुई इस बैठक ने सियासी गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
बताया जा रहा है कि यह मुलाकात करीब दो घंटे तक चली, जिसमें दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक हालात और भविष्य की संभावनाओं पर बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या प्रशांत किशोरकांग्रेस के साथ किसी तरह का राजनीतिक तालमेल या गठबंधन कर सकते हैं। खासकर तब, जब हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में जनसुराज का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा और पार्टी खाता तक नहीं खोल पाई। वहीं कांग्रेस की स्थिति भी बेहद कमजोर रही और पार्टी सिर्फ 6 सीटों पर सिमट गई थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनावी नतीजों के बाद दोनों ही पक्ष नए सिरे से रणनीति तलाश रहे हैं।
ऐसे में पीके और प्रियंका गांधी की यह मुलाकात महज शिष्टाचार नहीं, बल्कि भविष्य की किसी बड़ी राजनीतिक योजना का संकेत भी हो सकती है। वैसे यह पहली बार नहीं है जब प्रशांत किशोर और कांग्रेस को लेकर अटकलें तेज हुई हों। करीब चार साल पहले भी पीके के कांग्रेस में शामिल होने की खबरें सामने आई थीं। उस समय प्रशांत किशोर ने खुद खुलासा किया था कि सोनिया गांधी ने उन्हें पार्टी के लिए एक प्रेजेंटेशन देने के लिए बुलाया था।
उन्होंने बताया था कि उन्होंने करीब 9 घंटे तक अपना विजन और रणनीति पेश की थी, जिसमें राहुल गांधी भी मौजूद थे और अधिकांश सुझावों से सहमत थे। हालांकि पीके ने कांग्रेस में शामिल न होने की वजह भी स्पष्ट की थी। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व उनके प्लान को जमीन पर उतारने के लिए तैयार नहीं था, इसलिए उन्होंने सोनिया गांधी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
पीके का यह भी कहना था कि उनके पास कोई राजनीतिक विरासत नहीं है, इसलिए वे किसी एक व्यक्ति या विचारधारा से बंधकर राजनीति नहीं करना चाहते। अब एक बार फिर पीके और प्रियंका गांधी की मुलाकात ने पुराने सवालों को जिंदा कर दिया है। क्या यह बातचीत सिर्फ विचार-विमर्श तक सीमित थी या आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में कोई नया समीकरण देखने को मिलेगा, इस पर सभी की नजर टिकी हुई है।
इस मुलाकात पर जनसुराज या कांग्रेस की ओर से अभी तक किसी ने कुछ भी अधिकृत प्रतिक्रिया या बयान जारी नहीं किया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि प्रियंका गांधी ने 2027 में यूपी, पंजाब समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के संदर्भ में पीके से मुलाकात की है। वहीं सियासी जानकार इसे बिहार की सियासत का नया चैप्टर बता रहे हैं।