मोदी सरकार के सवालों के जवाब देने में प्रतिबंधित चीनी ऐप के छूट रहे हैं पसीने, दूतावास को करनी पड़ रही पैरवी
By नितिन अग्रवाल | Published: July 18, 2020 07:13 AM2020-07-18T07:13:58+5:302020-07-18T07:16:38+5:30
भारत ने टिकटॉक, यूसी ब्राउज़र, शेयरइट और वीचैट सहित चीन से संबंध रखने वाले 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाया था. ये ऐप देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रह से ग्रस्त थे.
प्राथमिक प्रतिबंध के बाद 59 चीनी ऐप्स का संचालन करने वाली कंपनियों के लिए सरकार के सवालों के जवाब देना भारी पड़ रहा है. सरकार ने उनपर ऐसे सवालों की झड़ी लगाई है जिससे कंपनियों की पैरवी के लिए चीनी दूतावास और सरकार को आगे आना पड़ रहा है. सरकार ने इन कंपनियों से उनके एप्प के डिज़ाइन में सुरक्षा इंतज़ाम, उनके कामकाज से लेकर कारोबार और आमदनी के सभी स्रोत, टैक्स रिटर्न तथा दूसरे देशों की सरकारों के लिए काम करने से लेकर यूजर्स को प्रभावित करने के तौर तरीकों तक की जानकारी मांग ली है.
सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सरकार इन सवालों के ज़रिए ऐप्स को इस्तेमाल करने वाले करोड़ों भारतीयों के डाटा के अनधिकृत इस्तेमाल का पता लगाना चाहती है. इसके साथ ही सरकार यह भी सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि ऐप किसी खास विचारधारा के समर्थन में तो नहीं हैं.
यह भी पता किया जा रहा है कि ऐप विदेशी सरकार के इशारे पर कंटेंट या अपने यूजर्स को किस प्रकार प्रभावित करते हैं? इसके लिए पुलवामा आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद आप द्वारा किसी खास किस्म के कंटेंट को सेंसर करने के बारे में भी जानकारी मांगी गई है.
खामियां मिलने पर कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा सकता है भारत
पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि फिलहाल सिर्फ ऐप पर ही प्रतिबंध लगाया है लेकिन यदि ख़ामियां सामने आती हैं तो इसे स्थाई कर इन कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. इसका पता लगाने के लिए सवालों को इस तरह तैयार किया गया है कि कंपनियों न तो जानकारी छिपा सकेंगी और न ही गलत जानकारी देकर बच सकेंगी. भारत ने टिकटॉक, यूसी ब्राउज़र, शेयरइट और वीचैट सहित चीन से संबंध रखने वाले 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाया था. ये ऐप देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रह से ग्रस्त थे. भारत में टिकटॉक ऐप का इस्तेमाल पूरी तरह बंद हो गया है.