झारखंड की तर्ज पर बिहार में भी आरक्षण की सीमा बढ़ाने की उठी मांग, 'हम' के बाद जदयू आया समर्थन में
By एस पी सिन्हा | Published: December 2, 2022 02:41 PM2022-12-02T14:41:30+5:302022-12-02T14:47:07+5:30
बिहार में भी आरक्षण को बढ़ाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग की है।
पटना: झारखंड में हेमंत सरकार के द्वारा आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 77 फीसदी कर दिये जाने के बाद बिहार में भी आरक्षण को बढ़ाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। महागठबंधन सरकार में सहयोगी हम के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग की है।
वहीं मांझी के बाद अब जदयू ने भी केंद्र सरकार से मांग कर दी है कि जब झारखंड में 50 फीसदी का बैरियर टूट गया है तो केंद्र सरकार देशभर में ओबीसी समेत अन्य कैटेगरी के आरक्षण को बढ़ाए।
जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने केन्द्र सरकार से आरक्षण की सीमा बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केंद्र के स्तर पर ओबीसी के लिए देश में जो आरक्षण लागू है, उसे लागू करते समय ही काफी कटौती कर दी गई थी। तब केंद्र की तरफ से यह दलिल दी गई थी कि 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण संभव नहीं है। देश में ओबीसी की इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद सिर्फ 27 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई।
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि अब केंद्र सरकार ने इस बैरियर को तोड़ दिया है और कुल मिलाकर देखें तो 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने की व्यवस्था हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में फैसला देते हुए यह बात कही है। वहीं झारखंड में विभिन्न कैटेगरी में 77 फीसदी आरक्षण देने पर उपेंद्र कुशवाहा ने इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि जदयू केंद्र सरकार पर आरक्षण बढ़ाने के लिए दबाव बनाएगी।
साथ ही उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार सरकार भी लगातार इसके लिए तत्पर रही है। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि जब आरक्षण का दायरा पड़ोसी राज्य झारखंड में बढ़ गया है तो हमें पीछे नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तुरंत इस मामले में पहल करनी चाहिए। जिसकी जितनी संख्या है उसको उसी हिसाब से हिस्सेदारी मिलनी चाहिए।
मांझी ने कहा है कि बिहार में आबादी के हिसाब से आरक्षण लागू कर नीतीश कुमार एक नजीर पेश करें। बता दें कि झारखंड में हेमंत सरकार ने आरक्षण को बढ़ाकर 77 फीसदी कर दिया है। जिसमें एसटी कोटा 28 फीसदी, ओबीसी कोटा 27 और एससी कोटा 12 फीसदी रहेगा।
झारखंड विधानसभा ने आरक्षण को बढ़ाकर 77 प्रतिशत करने संबंधी एक विधेयक को पास कर दिया। इस फैसले के बाद अब एससी, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर तबके (ईडब्लयूएस) के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण 60 प्रतिशत से बढ़ा कर 77 फीसदी कर दिया है। जिसको लेकर खूब चर्चा हो रही है।