झारखंड सरकार द्वारा आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के बाद बिहार में भी तेजी से उठने लगी मांग

By एस पी सिन्हा | Published: November 13, 2022 03:10 PM2022-11-13T15:10:25+5:302022-11-13T15:14:13+5:30

बिहार में आरक्षण में बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर जीतन राम मांझी ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि जब आरक्षण का दायरा पड़ोसी राज्य में बढ़ गया है तो हम क्यों पीछे रहें।

After increasing the scope of reservation by the Jharkhand government, the demand started rising rapidly in Bihar as well | झारखंड सरकार द्वारा आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के बाद बिहार में भी तेजी से उठने लगी मांग

झारखंड सरकार द्वारा आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के बाद बिहार में भी तेजी से उठने लगी मांग

Highlightsआरक्षण में बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर जीतन राम मांझी ने एक ट्वीट किया हैलिखा- जब आरक्षण का दायरा पड़ोसी राज्य में बढ़ गया है तो हम क्यों पीछे रहें

पटना: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के द्वारा प्रदेश की नौकरियों में राज्य के लोगों के लिए आरक्षण का दायर बढ़ाकर 77 प्रतिशत कर दिये जाने संबंधी एक विधेयक को पास कर दिये जाने के बाद बिहार में भी सियासत गर्मा गई है। झारखंड सरकार के इस फैसले के बाद बिहार में आरक्षण को बढ़ाने की मांग उठने लगी है। महागठबंधन की सरकार में सहयोगी हम के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नसीहत दे दी है कि उन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सीख लेनी चाहिए। 

वहीं, मांझी के बाद अब खुद नीतीश कुमार की पार्टी जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि केंद्र के स्तर पर ओबीसी के लिए देश में जो आरक्षण लागू है, उसे लागू करते समय ही काफी कटौती कर दी गई थी। तब केंद्र की तरफ से यह दलिल दी गई थी कि 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण संभव नहीं है। देश में ओबीसी की इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद सिर्फ 27 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई। अब केंद्र सरकार ने इस बैरियर को तोड़ दिया है और कुल मिलाकर देखें तो 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने की व्यवस्था हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में फैसला देते हुए यह बात कही है। 

वहीं, बिहार में नौकरियों में सूबे के लोगों को मिल रहे आरक्षण में बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर जीतन राम मांझी ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि जब आरक्षण का दायरा पड़ोसी राज्य में बढ़ गया है तो हम क्यों पीछे रहें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह है कि “जिसकी जितनी संख्या भारी, मिले उसको उतनी हिस्सेदारी” के तर्ज पर सूबे में आबादी के हिसाब से आरक्षण लागू कर एक नज़ीर पेश करें। यही न्यायसंगत होगा। 

उन्होंने कहा है कि जब आरक्षण का दायरा पड़ोसी राज्य झारखंड में बढ़ गया है तो हमें पीछे नहीं रहना चाहिए। उल्लेखनीय है कि झारखंड में हेमंत सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए आरक्षण की सीमा 77 फ़ीसदी तक कर दी है। हेमंत सरकार के इस फैसले की हर तरफ चर्चा हो रही है। हालांकि इस पर संवैधानिक की जानकार अलग-अलग राय रख रहे हैं।

Web Title: After increasing the scope of reservation by the Jharkhand government, the demand started rising rapidly in Bihar as well

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