हिजाब के बाद अब कर्नाटक में छाया बाइबिल का विवाद, हिन्दू संगठनों ने लगाया स्कूल पर जबरन बाइबिल पढ़ाने का आरोप, कार्रवाई की मांग की

By आजाद खान | Updated: April 25, 2022 10:24 IST2022-04-25T10:10:16+5:302022-04-25T10:24:02+5:30

आपको बता दें कि स्कूल द्वारा जारी आवेदन पत्र में छात्रों के माता पिता से यह वचन लिया गया है, "आप पुष्टि करते हैं कि आपका बच्चा अपने स्वयं के नैतिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए मॉर्निंग असेंबली स्क्रिप्चर क्लास और क्लबों सहित सभी कक्षाओं में भाग लेगा और बाइबिल ले जाने पर आपत्ति नहीं करेगा।"

After hijab now bible controversy Karnataka Hindu Janajagruti Samithi accuse Clarence High school forcibly teaching holy Bible demand action | हिजाब के बाद अब कर्नाटक में छाया बाइबिल का विवाद, हिन्दू संगठनों ने लगाया स्कूल पर जबरन बाइबिल पढ़ाने का आरोप, कार्रवाई की मांग की

हिजाब के बाद अब कर्नाटक में छाया बाइबिल का विवाद, हिन्दू संगठनों ने लगाया स्कूल पर जबरन बाइबिल पढ़ाने का आरोप, कार्रवाई की मांग की

Highlightsहिजाब के बाद अब कर्नाटक के स्कूलों में बाइबिल को पढ़ाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इस पर हिन्दू संगठनों ने आपत्ति जताई है।हिन्दू संगठनों का आरोप है कि गैर ईसाई छात्रों को बाइबिल पढ़ने पर मजबूर किया जा रहा है।

बेंगलुरु:कर्नाटक के बेंगलुरु में बच्चों के माता पिता से यह वचन लिया जा रहा है कि वे अपने बच्चों को ईसाईयों के पवित्र धर्मग्रंथ बाइबिल के साथ ही स्कूल भेजेंगे। स्कूल द्वारा उठाए गए इस कदम पर कुछ हिन्दू संगठनों ने एतराज जताया है। जानकारी के अनुसार, हिन्दू संगठनों ने यह भी दावा किया है कि स्कूल गैर ईसाई छात्रों को बाइबिल पढ़ने के लिए मजबूर भी कर रहा है। हालांकि स्कूल ने इन आरोपों को नकारा है और अपना पक्ष भी रखा है। 

क्या है पूरा मामला

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना कर्नाटक के बेंगलुरु के क्लेरेंस हाई स्कूल का है जहां पर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता से यह वचन लिया गया है कि वे अपने बच्चों को बाइबिल के साथ स्कूल में भेजेंगे। स्कूल द्वारा यह भी वचन लिया गया है कि इसके लिए माता पिता को कोई आपत्ति नहीं होगी। स्कूल के इस फैसले पर हिन्दू संगठनों ने आपत्ति जताई है और इसे कर्नाटक शिक्षा अधिनियम का उल्लंघन करार दिया है। इस पर हिंदू जनजागृति समिति ने एतराज जताया है। संगठन ने स्कूल पर और भी आरोप लगाया है। 

गैर-ईसाई छात्रों को बाइबिल पढ़ने के लिए किया जा रहा है मजबूर- संगठन

आपको बता दें कि इंडिया टुडे में छपी खबर के हवाले से यह बात सामने आई है कि हिंदू जनजागृति समिति के राज्य प्रवक्ता मोहन गौड़ा ने यह दावा किया है कि स्कूल गैर-ईसाई छात्रों को बाइबिल पढ़ने के लिए मजबूर कर रहा है। इस पर स्कूल ने कहा है कि वह केवल बाइबिल आधारित शिक्षा प्रदान करा रहा है। 

क्या लिखा है आवेदन पत्र

बताया जा रहा है कि स्कूल द्व्रारा जारी आवेदन पत्र के क्रमांक संख्या 11 में लिखा है, "आप पुष्टि करते हैं कि आपका बच्चा अपने स्वयं के नैतिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए मॉर्निंग असेंबली स्क्रिप्चर क्लास और क्लबों सहित सभी कक्षाओं में भाग लेगा और बाइबिल ले जाने पर आपत्ति नहीं करेगा।"

स्कूलों में पढ़ाया जाएगा भगवत गीता

गौरतलब है कि कर्नाटक सरकार ने हाल में यह फैसला किया है कि वह राज्य के स्कूलों में जल्द ही भगवद गीता को पढ़ाए जाने का विचार कर रही है। वहीं इससे पहले गुजरात सरकार ने 17 मार्च को यह फैसला लिया था कि कक्षा 6-12 के छात्रों को श्रीमद् भगवद गीता पढ़ाया जाएगा। 

Web Title: After hijab now bible controversy Karnataka Hindu Janajagruti Samithi accuse Clarence High school forcibly teaching holy Bible demand action

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