मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अब जीतन राम मांझी भी निकलेंगे यात्रा पर, जानेंगे लोगों की समस्याएं
By एस पी सिन्हा | Published: February 10, 2023 04:41 PM2023-02-10T16:41:22+5:302023-02-10T16:43:06+5:30
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समस्याओं का फीड बैक लेने 12 फरवरी से यात्रा पर निकल रहें हैं। जीतनराम मांझी अपनी यात्रा नवादा से शुरू करेंगे और उनकी यात्रा का नाम 'जन सम्पर्क यात्रा' होगा।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार योजनाओं का निरीक्षण और समस्याओं का समाधान करने के लिए समाधान यात्रा कर रहें हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी समस्याओं का फीड बैक लेने 12 फरवरी से यात्रा पर निकल रहें हैं। नीतीश कुमार ने अपनी यात्रा की शुरूआत चंपारण की धरती से की थी। इधर, जीतनराम मांझी अपनी यात्रा नवादा से शुरू करेंगे। यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा का नाम जन सम्पर्क यात्रा है। यह नवादा से शुरू होगी। लोगो की समस्याओ का फीडबैक लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंपेंगे।
मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोगों की समस्याओ का समाधान करने निकले हैं। वो साधन संपन्न हैं। उनके पास अधिकारी हैं। लेकिन मांझी सिर्फ लोगों की समस्याओ का फीडबैक लेंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समस्याओ की जानकारी देंगे। वहीं, मंत्रिमंडल विस्तार पर कांग्रेस की मांग पर मांझी ने कहा की कांग्रेस की बात मै नहीं जानता, लेकिन नीतीश कुमार ने मुझे बहुत कुछ दिया। मुझे मुख्यमंत्री तक बनाया। हमलोगों को कैबिनेट मे दो सीट मिली थी, उसमे भी एक सीट नीतीश कुमार ने ले ली। मुझे इस बात का कोई अफसोस नहीं है। नीतीश कुमार अगर हमारी एक सीट भी ले लें, तब भी हम नीतीश कुमार के साथ रहेंगे।
25 फरवरी को पूर्णिया मे होने वाली महागठबंधन की रैली पर मांझी ने कहा कि रैली मे हम भी शामिल होंगे। इसके साथ ही मांझी ने महागठबंधन मे कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की अपनी मांग दुहराई है। उन्होंने कहा कि जो भी बड़ा फैसला हो कोऑर्डिनेशन कमिटी के जरिए हो। पूर्णिया की रैली मे कोऑर्डिनेशन कमिटी पर कोई फैसला हो इस मुद्दे को लेकर भी ये महत्वपूर्ण रैली होगी। वहीं डीजी शोभा अहोतकर और आईजी विकास वैभव प्रकरण पर मांझी ने कहा कि अधिकारियों को आपस में कटुता के बजाय सामंजस्य के साथ काम करना चाहिए। सोशल मीडिया या अन्य माध्यम से खुद को कड़क पदाधिकारी के रूप मे पेश करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। रौब दिखाकर काम नहीं कराना चाहिए। पदाधिकारियों को लोगो से मिलकर बात करनी चाहिए न की रौब दिखा कर और सभी अधिकारियों को कानूनी प्रावधान का पालन करना चाहिए।