बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद राजद ज्यादा सीटों पर लड़ेगी लोकसभा चुनाव, सहयोगी दलों को नहीं देगी ज्यादा तवज्जो
By एस पी सिन्हा | Published: February 18, 2024 02:51 PM2024-02-18T14:51:48+5:302024-02-18T14:52:48+5:30
कहा जा रहा है कि महागठबंधन सीट शेयरिंग की रणनीति बनाई जा रही है। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वामदल शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो राजद सीट शेयरिंग के फॉर्मूला को लगभग तैयार कर चुकी है।
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा महागठबंधन को छोड़कर एनडीए के साथ आ जाने के बाद राजद को लोकसभा चुनाव में सीटों के तालमेल में कोई ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। कहा जा रहा है कि महागठबंधन सीट शेयरिंग की रणनीति बनाई जा रही है। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस और वामदल शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो राजद सीट शेयरिंग के फॉर्मूला को लगभग तैयार कर चुकी है।
इसके अनुसार राजद को सबसे अधिक 28 सीट, कांग्रेस और वामदलों(दोनों को मिलाकर) को 10 से 11 सीट दिया जा सकता है। कहा जा रहा है कि राजद कांग्रेस को 6 और वामदलों को 6 सीट देने के मूड में है। इनमें से भाकपा-माले को 3 से 4 और माकपा व भाकपा को भी एक-एक सीट मिल सकती है।
सूत्रों के अनुसार सीट शेयरिंग को लेकर भाकपा- माले ने राजद के प्रदेश नेतृत्व को अपना संशोधित प्रस्ताव भी भेजी है। भाकपा- माले में अब पहले से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की है। पहले भाकपा ने 5 सीटों की मांग की थी, वहीं भाकपा- माले अब 9 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। राजद सूत्रों की मानें तो लालू यादव और तेजस्वी यादव बिहार में नए सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं। इसके तहत राजद 28 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस को 5 से 6 सीटें दी जा सकती हैं।
वहीं, भाकपा- माले को तीन, जबकि भाकपा और माकपा को एक-एक सीट दिए जाने की तैयारी है। पिछले फॉर्मूले में भाकपा और माकपा को एक भी सीट नहीं दी जा रही थी। लेकिन बिहार में हुए सियासी बदलाव से भाकपा और माकपा को एक-एक सीट मिल सकता है।