एनआरसी: असम से सटे दूसरे पूर्वोत्तर राज्य के बॉर्डर पर भी चौकसी, पिछले एक महीने में कई लोगों को लौटाया गया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 1, 2019 08:55 AM2019-10-01T08:55:31+5:302019-10-01T08:55:31+5:30

एनआरसी: मेघालय पुलिस के सोमवार तक के एक डाटा के अनुसार 1329 लोगों को राज्य की सीमा से वापस भेजा गया जिनके पास भारतीय नागरिक होने का कोई प्रमाण नहीं था।

After Assam’s NRC published, North Eastern states step up border checks, many people turned back | एनआरसी: असम से सटे दूसरे पूर्वोत्तर राज्य के बॉर्डर पर भी चौकसी, पिछले एक महीने में कई लोगों को लौटाया गया

एनआरसी लिस्ट प्रकाशित होने के बाद पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा पर चौकसी बढ़ी (फाइल फोटो)

Highlightsअसम से सटे दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों ने भी पिछले एक महीने में सीमा पर चौकसी बढ़ाई हैअसम से आ रहे लोगों की हो रही है जांच, कई लोगों को पिछले एक महीने में भेजा जा चुका है वापस

राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के 31 अगस्त को पब्लिश किये जाने के बाद से ही असम के पड़ोसी पूर्वोत्तर राज्यों ने पिछले एक महीने में अपनी सीमा पर चौकसी तेज कर दी है। यह निगरानी खासकर उन लोगों पर है जो बिना किसी कागजात के इन पड़ोसी राज्य में प्रवेश कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले एक महीने में कई लोगों को इन राज्यों की सीमा से वापस असम भी भेजा जा चुका है। 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार मेघालय जाने के लिए पहचान पत्र जरूरी है ताकि यह निर्धारित हो सके कि अमूक शख्स भारत का ही नागरिक है। वहीं, मिजोरम में एट्री के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) जरूरी है। यह परमिट केवल राज्य सरकार की ओर से केवल उन लोगों को दिया जाना है जिनका नाम एनआरसी लिस्ट में है। मेघालय पुलिस के सोमवार तक के एक डाटा के अनुसार 1329 लोगों को राज्य की सीमा से वापस भेजा गया जिनके पास भारतीय नागरिक होने का कोई प्रमाण नहीं था।

मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने सितंबर में गुवाहाटी में एक बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह को बताया था कि जिनके नाम एनआरसी में नहीं हैं, उनके मेघालय में प्रवेश करने की आशंका है। ऐसी ही कुछ चिंताओं के संगमा द्वारा उजागर करने के बाद अमित शाह ने कहा था, 'मैं दोनों को बताना चाहता हूं कि एक भी घुसपैठिये को असम या फिर किसी दूसरे राज्य में प्रवेश की इजाजत नहीं मिल सकती है। हम केवल असम को घुसपैठियों से मुक्त नहीं करना चाहते बल्कि पूरे देश को उनसे आजादी दिलाना चाहते हैं और जब मैं पूरा देश कहता हूं कि तो इसमें पूर्वोत्तर के राज्य भी शामिल हैं।'

गौरतलब है कि पिछले साल जब ड्राफ्ट एनआरसी प्रकाशित हुआ था तो खासी स्टूडेंट यूनियन (केएसयू) यह आरोप लगाते हुए खुद ही निगरानी शुरू कर दी थी कि राज्य इस मद में तत्परता से काम नहीं कर रहा है। बाद में जब राज्य पुलिस हरकत में आई तो केएसयू के इन चेक गेट्स को हटा लिया गया। उधर मिजोरम के गृह मंत्री लालचैमलियाना सितंबर में कह चुके हैं आईएलपी असम के असम के उन नागरिकों को जारी नहीं किये जाएंगे जिनके नाम एनआरसी लिस्ट में नहीं हैं।

बता दें कि आईएलपी दरअसल बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन एक्ट (बीईएफआर), 1873 पर आधारित है और एक खास परमिट है जो भारत के किसी भी दूसरे क्षेत्र के लोगों के अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम में प्रवेश के लिए जरूरी होता है। असम से सटे कोलासिब जिले के पुलिस का कहना है बिना आईएलपी कार्ड वाले कई लोगों को हर दिन हिरासत में लिया जाता है और जिनके नाम असम एनआरसी में नहीं हैं, उन्हें आईएलपी नहीं दिया जाता है। पुलिस के अनुसार एनआरसी लिस्ट आने के बाद हर दिन 10 से 15 लोग बिना आईएलपी के मिजोरम में प्रवेश करने की कोशिश में पकड़े जा रहे हैं। 

नागालैंड के अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने भी असम से आने वाले लोगों को लेकर अपनी चौकसी बढ़ा दी है। हालांकि यहां के एक सीनियर पुलिस अधिकारी के अनुसार यहां अभी ऐसे संदिग्ध मामले सामने नहीं आये हैं जिसके तहत एनआरसी लिस्ट नहीं शामिल कोई शख्स नागालैंड में प्रवेश की कोशिश कर रहा हो।

Web Title: After Assam’s NRC published, North Eastern states step up border checks, many people turned back

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