नई दिल्ली: अमृतपाल सिंह द्वारा एक वीडियो संदेश जारी करने के एक दिन बाद, गुरुवार को उसका एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है। जिसमें वह एक बड़े कारण के लिए सभी जत्थेदारों से एकजुट होने की अपील कर रहा है। ऑडियो वह अमृतपाल सिंह होने का दावा करते हुए सुना जा सकता है। हालांकि क्लिप की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर अमृतपाल सिंह इन दावों का खंडन करता है कि उसने पंजाब सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण के लिए कुछ मांगें रखी थीं। उन्होंने कहा, "ये सभी अफवाहें हैं। मैंने सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण की कोई मांग नहीं रखी है।" ऑडियो क्लिप में उसने कहा, मैं जेल जाने या पुलिस हिरासत में जाने से नहीं डरता। उन्हें वह करने दें जो वे चाहते हैं।”
उस वीडियो के बारे में बोलते हुए जिसमें वह थके हुए दिख रहे थे, अमृतपाल सिंह ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में उनका स्वास्थ्य कमजोर हो गया था। उन्होंने फिर से (अकाल तख्त) जत्थेदार से सरबत खालसा को बुलाने और "जत्थेदार होने का सबूत देने" की अपील की।
कथित ऑडियो क्लिप में अमृतपाल सिंह को यह कहते हुए सुना जा सकता है, "सभी संगतों को अपना संदेश देने के लिए कहा है, क्योंकि यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है।" अमृतपाल सिंह द्वारा एक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो संदेश जारी करने के एक दिन बाद ऑडियो क्लिप वायरल हुई है, जिसमें 18 मार्च को पुलिस की कार्रवाई शुरू होने के बाद हुई घटनाओं का वर्णन किया गया है।
वीडियो संदेश के माध्यम से अमृतपाल सिंह ने दुनिया भर के सिख संगठनों से बैसाखी पर सरबत खालसा कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वर्ण मंदिर के जत्थेदार को इस मामले में स्टैंड लेना चाहिए और सभी जत्थेदारों और टकसालों को भी सरबत खालसा में भाग लेना चाहिए।
उसने कहा कि लंबे समय से हमारी कौम छोटे-छोटे मुद्दों पर मोर्चा लगाने में लगी हुई है। अगर हमें पंजाब के मुद्दों को सुलझाना है, तो हमें एक साथ रहना होगा। जिस तरह से सरकार ने हमें धोखा दिया है, उसे ध्यान में रखना होगा। कई साथियों को गिरफ्तार किया गया है और एनएसए लगाया गया है, मेरे कई साथियों को असम भेजा गया। इसलिए मैं सभी सिखों से बैसाखी के अवसर पर इकट्ठा होने की अपील करता हूं।
उन्होंने यह भी कहा, "अगर सरकार की मंशा मुझे गिरफ्तार करने की होती, तो वह मुझे गिरफ्तार कर लेती। अगर सरकार हमें घर से गिरफ्तार करती, तो हम बाध्य होते। लेकिन सरकार ने मुझे 'लाखों' का घेराव कर गिरफ्तार करने की कोशिश की।